ई बिहार बा ! सरकारी अस्पताल में बेटे का नहीं हो सका इलाज, डॉक्टरों को पैसे देने के लिए भीख मांग रही मां

Bihar news (Bhagalpur) : भागलपुर के नामी मायागंज अस्पताल के चिकित्सकों पर सुलतानगंज निवासी एक महिला ने उसके बेटे के उपचार के लिए पैसे मांगने का आरोप लगाया है. बच्चे के इलाज के लिए महिला शहर की सड़कों पर भीख मांगती नजर आयी. अधिक जानकारी के लिए पढ़ें पूरी खबर..

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 11, 2022 3:01 AM

डब्लू/शुभंकर, भागलपुर: सुलतानगंज के गंगापुर दास टोले में खेलने के दौरान राजो देवी का बेटा कूड़े की आग से झुलस गया. राजो अपने बेटे को लेकर रेफरल अस्पताल पहुंची. वहां प्रारंभिक इलाज के बाद गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे मायागंज अस्पताल रेफर कर दिया गया.

थक हारकर शहर की सड़कों पर भीख मांगने लगी मां

बच्चे की मां का आरोप है कि मायागंज अस्पताल में बच्चे के इलाज के लिए मोटी रकम मांगी गयी. वह पैसा देने में असमर्थ थी. मां ने अपने बच्चे को मायागंज अस्पताल के बरामदे पर छोड़ कर अबजूगंज गांव में पैसे की जुगाड़ करने पहुंच गयी. वह हर दरवाजे पर गयी और अपने बच्चे के इलाज में मदद करने की गुहार लगायी. गांव वालों ने महिला को विधायक और सांसद के पास जाने की नसीहत दी. हार कर अपने बच्चे के इलाज के लिए उसने भीख मांगना शुरू कर दिया.

समाजसेवी ने वीडियो बनाकर किया वायरल

इधर, उसका बच्चा दर्द से मायागंज अस्पताल के बरामदे पर रो रहा था. जब इसकी जानकारी समाज सेवी आदित्य कुमार गौतम को हुई, तो उन्होंने महिला के दर्द को समझा और वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. उन्होंने अपने परिचित को मामले की जानकारी देते हुए मायागंज में इलाज की व्यवस्था करने की बात कही. उन्होंने महिला को मायागंज भेज कर कहा कि इलाज शुरू नहीं होने पर तुरंत जानकारी दी.

मायागंज में इलाज के नाम पर पैसे मांगने का आरोप

राजो देवी के बच्चे का इलाज मायागंज अस्पताल में नहीं होने से सभी हतप्रभ हैं. इलाज के नाम पर मोटी रकम मांगी गयी यह शर्मनाक है. महिला राजो देवी ने बताया कि पति दिव्यांग है. घटना के बाद आनन-फानन में बच्चे को सुलतानगंज के सरकारी अस्पताल लेकर गये. वहां खानापूरी कर मायागंज भेज दिया गया.

राजो ने मायागंज में इलाज के बदले पैसा मांगने का आराेप लगाते हुए कहा कि पास में पैसा नहीं था, तो वह बच्चे को मायागंज अस्पताल में बरामदे पर छोड़ कर पैसे के जुगाड़ के लिए सुलतानगंज आ गयी. इलाज का आश्वासन मिलने के बाद वापस भागलपुर गयी.

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