भागलपुर में मौत के बाद भी हो रही दुर्गति, मायागंज अस्पताल का मॉर्चरी मशीन खराब, शव सुरक्षित रखना हुआ मुश्किल
भागलपुर के मायागंज अस्पताल में अज्ञात शव को माॅर्चरी हाउस में रखा जाता है. पिछले एक माह से हाउस का मशीन खराब है. इससे पुलिस के साथ-साथ अस्पताल प्रबंधन भी परेशान है. अज्ञात शव को 72 घंटे सुरक्षित रखने का नियम है. ऐसे में किसी तरह लाश को इतने देर सुरक्षित रख फिर अंतिम संस्कार कर दिया जाता है.
भागलपुर के मायागंज अस्पताल में अज्ञात शव को माॅर्चरी हाउस में रखा जाता है. पिछले एक माह से हाउस का मशीन खराब है. इससे पुलिस के साथ-साथ अस्पताल प्रबंधन भी परेशान है. अज्ञात शव को 72 घंटे सुरक्षित रखने का नियम है. ऐसे में किसी तरह लाश को इतने देर सुरक्षित रख फिर अंतिम संस्कार कर दिया जाता है.
शव को मॉर्चरी में रख पुलिस हो जाया करती थी निश्चित
भागलपुर समेत नवगछिया, मधेपुरा, अररिया, बांका, किशनगंज, मुंगेर, जमालपुर पुलिस अज्ञात शव का पोस्टमार्टम कराने मेडिकल कॉलेज आती है. लावारिश शव को पुलिस मॉर्चरी में रख चली जाती थी. वहीं अज्ञात शव को लेकर पुलिस की लापरवाही कई बार सामने आयी है. शव को हाउस में सुरक्षित रख पुलिस भूल जाती है. अज्ञात शव के कारण अस्पताल प्रशासन को अगर शव सुरक्षित रखने की जरूरत होती थी उनको भी जगह नहीं मिल पाता है. मॉर्चरी में हर माह औसतन 12 से 15 की संख्या में लावारिश लाशें रखी जाती है. पुलिस यह कह कर चली जाती है कि वह 72 घंटे बाद आयेगी और लाश लेकर जायेगी. लेकिन वापस ये जल्दी आती नहीं.
मशीन खराब होने से पुलिस भी परेशान
मशीन खराब होने से अस्पताल के साथ-साथ पुलिस भी परेशान है. क्योंकि थाने में तीन दिन तक लाश को रखना संभव नहीं होता है. ऐसे में शव का पोस्टमार्टम करा पुलिस इसे अस्पताल के मॉर्चरी में रखने का जोगाड़ लगाती है. जगह नहीं होने पर शव को अस्पताल के बाहर ही रख निकल जाती है. तीन दिनों के बाद शव का अंतिम संस्कार कर दिया जाता है. आगे अनुसंधान करने में पुलिस को परेशानी हो रही है. वहीं, मॉर्चरी हाउस पुलिस के लिए सबसे जरूरी है. ऐसे में यह साधन पुलिस लाइन में बनाने की मांग पुलिस कर्मी करने लगे है. इनका कहना है अगर पुलिस लाइन में यह सुविधा हो जाये, तो परेशानी खत्म हो जायेगी. जगह भी वहां बहुत है. शव को सुरक्षित वहां असानी से रखा जा सकता है.
मॉर्चरी मशीन को ठीक करने के लिए लिखा पत्र
मॉर्चरी मशीन को ठीक करने के लिए अस्पताल प्रशासन ने एजेंसी को पत्र लिखा है. संभावना है जल्द ही इस मशीन को ठीक करने के लिए इंजीनियर आ जायेगे. मशीन ठीक होने के बाद एक बार फिर से सुविधा आरंभ हो जायेगी.