पटना. माॅनसून आने में लगभग 40 से 45 दिन शेष रह गये हैं. पूरे शहर की दर्जनों सड़कों पर नमामि गंगे योजना का काम चल रहा है. काम करने वाली एजेंसी ने कई जगहों पर सड़क खोद कर छोड़ दिया है. अगर समय रहते सड़कों को मरम्मत कर ठीक नहीं किया गया, तो माॅनसून में जलजमाव के साथ टूटी सड़क लोगों के लिए काफी परेशानी का सबब बनेंगी. इसी मुद्दे पर चर्चा करने के लिए बुधवार को मेयर सीता साहू ने नगर आयुक्त व बुडको एमडी सहित अन्य अधिकारियों की बैठक मौर्यालोक में बुलायी थी. मगर, बैठक में न ही नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर और न ही बुडको एमडी धर्मेंद्र सिंह शामिल हुए. मजबूरन बैठक के मुख्य एजेंडा ध्वस्त सड़कों को दुरुस्त करने पर चर्चा ही नहीं हो सकी. बैठक में खानापूर्ति करते हुए बुडको की तरफ से केवल कार्यपालक अभियंता यांत्रिक थे. उन्होंने केवल ड्रेनेज पंपिंग स्टेशन (डीपीएस) के बारे में जानकारी दी. बैठक में अपर नगर आयुक्त शीला इरानी, स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य इंद्रदीप चंद्रवंशी व डॉ आशीष सिन्हा आदि लोग मौजूद थे.
पटना शहर के कई मोहल्ले ऐसे हैं, जहां नमामि गंगे का सीवर लाइन सड़क के नीचे डालने के क्रम में सड़क को खोदकर छोड़ दिया गया है. मेयर के द्वारा वार्ड पार्षदों से इस संदर्भ में जानकारी लेने पर 22 वार्ड पार्षदों ने अपने अपने क्षेत्र में इस तरह की समस्या होने की बात कही. कई जगह तो उसमें बड़े-बड़े गड्ढे भी हो गये हैं. कई जगह इसके अंतर्गत ड्रेनेज को ध्वस्त कर दिया गया है और नाले में मिट्टी भर गयी है. इससे जलनिकासी रुक गयी है.
बुडको की तरफ से बैठक में शामिल कार्यपालक अभियंता यांत्रिक ने कहा कि सभी संप हाउस का मेंटेनेंस वर्क चल रहा है. इसके अंतर्गत पंपिंग सेट की सर्विसिंग की जा रही हे और कुओं की सफाई का काम भी चल रहा है. 15 मई तक सभी ड्रेनेज पंपिंग स्टेशन (डीपीएस) का मेंटेनेंस पूरा कर लिया जायेगा. इससे मॉनूसन के आने के बाद जलनिकासी में सहूलियत होगी.
पटना शहर में बुडको के नियंत्रण में 84 ड्रेनेज पंपिंग स्टेशन हैं. इनमें 56 स्थायी और 26 अस्थायी डीपीएस हैं. 16 स्थायी डीपीएस में पूरी तरह डेडीकेटेड फीडर से बिजली आपूर्ति की व्यवस्था कर दी गयी है जबकि 39 डीपीएस में पेसू के द्वारा यह व्यवस्था करने की प्रक्रिया चल रही है. बिजली नहीं रहने की स्थिति में भी संपहाउस को लगातार चलाने के लिए बुडको ने 38 डीजल सेट की भी व्यवस्था की है ताकि जरूरत के अनु़सार इनका इस्तेमाल किया जा सके.
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बुडको एमडी खुद बैठक में नहीं आये थे और न सभी जवाबदेह पदाधिकारी थे. इसलिए नमामि गंगे के अंतर्गत क्षतिग्रस्त सड़कों पर कोई चर्चा नहीं हो सका. उनकी तरफ से केवल कार्यपालक अभियंता यांत्रिक थे जो केवल डीपीएस के बारे में बताने में सक्षम थे. दोबारा बैठक के लिए बुडको एमडी को चिठ्ठी लिखेंगे. -सीता साहू, मेयर पटना नगर निगम