बिहार के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के भवन एक ही रंग के होंगे, मिशन परिवर्तन के तहत दिए गए निर्देश
स्वास्थ्य विभाग ने मिशन परिवर्तन के तहत राज्य के मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के भवनों को एक समान रंग में रंग-रोगन करने का निर्देश दिया है. इसका मॉडल भगवान महावीर आयुर्विज्ञान संस्थान, पावापुरी (बिम्स) को माना गया है.
बिहार के मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में मिशन परिवर्तन चलाया जा रहा है. इसका उद्देश्य है कि राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों को चकाचक बनाया जाये. साफ-सफाई के साथ विभाग की कोशिश है कि सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के लुक भी एक समान दिखे. कोई भी मरीज को मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में आने पर दूर से ही रंग के आधार पर आसानी से पहचान कर ली जाये.
पावापुरी मेडिकल कॉलेज की तरह दिखेंगे सभी कॉलेज
स्वास्थ्य विभाग ने मिशन परिवर्तन के तहत राज्य के सभी 10 मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के भवनों को एक समान रंग में रंग-रोगन करने का निर्देश दिया है. इसका मॉडल भगवान महावीर आयुर्विज्ञान संस्थान, पावापुरी (बिम्स) को माना गया है. अब बिम्स के भवनों के रंग जैसा ही सभी मेडिकल कॉलेजों के भवनों की रंगाई-पुताई की जायेगी.
कॉलेजों को एक समान रंग में रंगने का आदेश
मिशन परिवर्तन को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत मेडिकल कॉलेजों में बदलाव को लेकर एक-एक बारीकियों पर ध्यान दे रहे हैं. इसको लेकर उन्होंने सभी मेडिकल कॉलेजों को एक समान रंग में भवनों के अंदर और बाहरी दीवारों की रंगाई का आदेश दिया है. मेडिकल कॉलेजों के भवनों का मॉडल चाहे जैसा हो अब सभी का रंग एक ही होगा.
सभी जिला अस्पतालों का भी एक रंग
मालूम हो कि इसके पहले मिशन -60 डे के तहत राज्य के सभी जिला अस्पतालों को भी एक तरह के रंग में रंगने का आदेश दिया गया था. राज्य के सभी जिला अस्पतालों के भवनों को एक रंग में रंगाई कर दिया गया है. इसी फार्मूले को बढ़ाते हुए अब मेडिकल कॉलेजों के भवनों और वार्डों को एक समान रंग में करने का निर्देश दिया गया है.
इन अस्पतालों को किया जाएगा एक रंग का
पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल, नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल, श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल, मुजफ्फरपुर, जीएमसी, बेतिया, दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल, जेएलएनएमसीएच, भागलपुर, जीएमसी, पूर्णिया, जेएनकेटीएमसीएच, मधेपुरा और एएनएमसीएच, गया के भवनों को अब एक रंग में कर दिया जायेगा. इसी प्रकार सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों को निर्देश दिया गया है कि पुराने भवनों को जिनका अब उपयोग नहीं किया जा सकता है, उनकी पहचान कर ली जाये. साथ ही वैसे भवनों को बीएमएसआइसीएल के माध्यम से जमींदोज कराने की कार्रवाई की जाये.