20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मेडिकल कॉलेजों को होगा मूल्यांकन, एकेडमिक एक्सीलेंस, रिसर्च और स्टूडेंट्स के फीडबैक पर दी जाएगी रेटिंग

मेडिकल कॉलेजों का एकेडमिक एक्सीलेंस, रिसर्च के साथ-साथ स्टूडेंट्स के फीडबैक को भी पैरामीटर में शामिल किया गया है. नियमों के उल्लंघन पर कॉलेज पर एक करोड़ रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है.

अनुराग प्रधान, पटना. अब सरकारी व प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों को भी रेटिंग दी जायेगी. इसके लिए तैयारी की जा रही है. रेटिंग के अनुसार ही मेडिकल कॉलेजों को सहयोग मिलेगा. नेशनल मेडिकल कमिशन (एनएमसी) ने देश के सभी मेडिकल कॉलेजों की रेटिंग के लिए पैरामीटर तय कर दिया है. मेडिकल असेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड की ओर से कॉलेजों का मूल्यांकन किया जायेगा और रेटिंग दी जायेगी.

मेडिकल कॉलेजों को सभी जरूरी डॉक्यूमेंट्स बोर्ड को मुहैया करवाने होंगे. बोर्ड द्वारा जो रेटिंग दी जायेगी, उसको सरल तरीके से जनता को समझाया जायेगा. बोर्ड व एनएमसी की वेबसाइट पर सभी मेडिकल कॉलेजों की रेटिंग जारी की जायेगी. मूल्यांकन रिपोर्ट भी लोग देख सकेंगे. अब तक मेडिकल कॉलेजों के लिए कोई रेटिंग सिस्टम सक्रिय नहीं था. मेडिकल पढ़ाई की गुणवत्ता बनाने के लिए एनएमसी ने रेटिंग सिस्टम को लागू करेगा.

स्टूडेंट्स का फीडबैक भी होगा महत्वपूर्ण

मेडिकल कॉलेजों का एकेडमिक एक्सीलेंस, रिसर्च के साथ-साथ स्टूडेंट्स के फीडबैक को भी पैरामीटर में शामिल किया गया है. नियमों के उल्लंघन पर कॉलेज पर एक करोड़ रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है. मान्यता भी वापस ली जा सकती है. रेटिंग के मानकों में कॉलेज में रिसर्च का स्टेटस और टीचर व स्टूडेंट्स के रिसर्च पेपर को भी वेटेज मिलेगा. कॉलेज में अनुशासन और टीचिंग और लर्निंग को लेकर क्या माहौल है, इस पर भी एक्सपर्ट्स की नजर रहेगी. नेशनल और इंटरनेशनल स्तर पर होने वाली शैक्षणिक गतिविधियों में कॉलेज के टीचर्स और स्टूडेंट्स की भागीदारी भी रेटिंग में अहम भूमिका निभायेगी. खेलकूद और सामाजिक गतिविधियां भी पैरामीटर का हिस्सा बनायी गयी हैं.

एमबीबीएस में भी लागू होगा मल्टी च्वाइस क्रेडिट सिस्टम

अब एमबीबीएस में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स भी एक साथ कई कोर्स कर सकते हैं. मेडिकल कॉलेजों में भी मल्टी च्वाइस क्रेडिट सिस्टम पाठ्यक्रम शुरू होंगे, जिसमें एक साथ कई कोर्स किये जा सकते हैं. साथ ही सेमेस्टर में क्रेडिट दिये जायेंगे. स्टूडेंट्स को अधिकतम नौ साल तक अपनी एमबीबीएस की डिग्री पूरी कर लेनी होगी. वहीं, अब निजी और सरकारी मेडिकल कॉलेज में सीधे प्रवेश नहीं लिये जायेंगे. कॉलेज सीधे प्रवेश लेने पर प्रथम बार में दो करोड़ का जुर्माना लगेगा. जबकि, दूसरी बार ऐसा करने पर मान्यता रद्द की जा सकती है.

Also Read: NEET के बाद JEE Advanced में दरभंगा की अक्षरा का कमाल, गुवाहाटी जोन में लड़कियों में बनीं टॉपर
इस आधार पर मिलेगी रेटिंग

  • एकेडमिक एक्सीलेंस

  • रिसर्च और फीडबैक

  • टीचिंग प्रोसेस में इनोवेशनल

  • नेशनल-इंटरनेशनल इवेंट में स्टूडेंट्स-टीचर की भागीदारी

  • स्पोर्ट्स और सोशल वर्क

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें