अनुज शर्मा, पटना. बिहार में फलों के उत्पादन में लगातार सुधार हो रहा है. किसानों की अब पहली पसंद तरबूज- खरबूज की खेती हो गयी है. फलों के कुल उत्पादन में यह पहले नंबर पर हैं.
पिछले तीन वर्षों से आम और केले का उत्पादन सबसे अधिक हो रहा था. आलू, प्याज, मूली, गाजर को छोड़कर अन्य सब्जियों के उत्पादन में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गयी है. आर्थिक सर्वे 2020-21 के मुताबिक फूलों की खेती में भी विविधीकरण होने से जीविका के नये साधन पैदा हो रहे हैं.
राज्य में 2019-20 में 3.23 लाख हेक्टेयर पर फलों की खेती हुई. कुल उत्पादन 42.42 लाख टन रहा. 2017-18 की अपेक्षा 2019-20 में तरबूज में 28.0 %, खरबूजा में 23.4, पपीता में 5.9 , आंवला 5.4 और लीची के उत्पादन में 4.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.
कृषि विभाग का मानना है कि फलों की अत्यधिक मांग होने के कारण राज्य में इसकी खेती की संभावना बढ़ी है. लघु और सीमांत जोतों में खेती के लिए ये अत्यधिक अनुकूल हैं.
उत्तर-पूर्वी भाग में उपजाये जाने वाले अनानास के लिए किसानों को उच्च गुणवत्ता वाली रोपण सामग्री उपलब्ध कराने के सकारात्मक परिणाम आये हैं.
राज्य सरकार उसकी खेती का क्षेत्रफल बढ़ाने का प्रयास कर रही है. पिछले तीन वर्षों के दौरान सभी फलों के कुल उत्पादन में सर्वाधिक आम 35.9 प्रतिशत उसके बाद केला की 33.5 प्रतिशत हिस्सेदारी थी. वर्ष 2019-20 में तरबूज की खेती के क्षेत्रफल में सबसे अधिक वृद्धि देखी गयी, जो 31.5 प्रतिशत है.
Posted by Ashish Jha