पटना. बिहार में एक लाख आठ हजार आंगनबाड़ी केंद्रों पर अब बच्चों के पोषाहार में साग, सब्जी, नींबू, गाजर, सहजन, पालक, हरा धनिया, पपीता व केले की मात्रा बढ़ायी जायेगी. समाज कल्याण विभाग ने कृषि विज्ञान केंद्र के सहयोग से पटना, गया, वैशाली, भागलपुर, पूर्णिया, सारण सहित कई आंगनबाड़ी केंद्रों पर पायलट प्रोजेक्ट के तहत किचेन गार्डन शुरू किया है. इसकी समीक्षा के बाद यह बात सामने आयी है कि इसका विस्तार करने से बच्चों के पोषाहार में फायदा होगा. इसको लेकर समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया है.
आंगनबाड़ी केंद्रों पर सिर्फ बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास में सहायक सब्जियों व फलों को लगाया जायेगा. जहां बच्चों को पोषाहार दिया जाता है. लेकिन अब समाज कल्याण विभाग ने बच्चों के पोषाहार को और भी पॉष्टिक करने का निर्णय लिया है. बच्चों के पोषाहार में साग, सब्जी, नींबू, गाजर, सहजन, पालक, हरा धनिया, पपीता व केला की मात्रा को अगले माह से धीरे-धीरे सभी केंद्रों पर बढ़ाया जायेगा.
आंगनबाड़ी केंद्र भवन के अलावा किराये पर चल रहे भवनों, सरकारी स्कूलों में भी किचेन गार्डेन को विकसित किया जायेगा. इसके लिए सभी सीडीपीओ को दिशा-निर्देश भेजा गया है. ताकि किचेन गार्डन सभी केंद्रों में लगाया जा सके. यहां फल व हरि सब्जियां वैसी लगायी जायेंगी, जिसे हर दिन खान में उपयोग किया जा सके.
केंद्र में आने वाले बच्चे ड्रेस में पहुंचे, इसे सुनिश्चित करने का निर्देश सेविका व सहायिका को दिया गया है. मंत्री ने कहा है कि इस निर्देश की निगरानी मुख्यालय स्तर से भी शुरू कर दी गयी है. केंद्र में लापरवाही मिलने पर संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा जायेगा.