पटना सायंस कॉलेज की साउथ-इस्ट कॉर्नर की 1953.6 वर्ग मीटर जमीन पटना मेट्रो रेल परियोजना को बिना शर्त हस्तांतरित की जायेगी. जमीन हस्तांतरित पर मंगलवार को पटना यूनिवर्सिटी सिंडिकेट की बैठक में मुहर लग गयी. बिना शर्त जमीन देने पर भी बैठक में विवाद भी हुआ, लेकिन कुलपति के हस्तक्षेप और राज्य सरकार के साथ बैठक के दौरान कही गयी बातों को सिंडिकेट सदस्यों को बताया गया. इसके बाद सभी सदस्यों की सहमति के बाद जमीन देने पर मुहर लगी. लेकिन निर्माण काम के लिए जमीन देने पर सहमति नहीं बनी.
बैठक में निर्णय लिया गया कि मेट्रो परियोजना हेतु मांगी गयी स्थायी भू-भाग को हस्तगत करा दी जाये, लेकिन निर्माण कार्य एवं समान रखने के लिए मांगी जा रही अस्थायी भूमि को हस्तगत नहीं किया जाये क्योंकि इससे पटना सायंस कॉलेज के स्टूडेंट्स की खेल संबंधी सारी गतिविधियां बाधित हो जायेगी, जो उचित नहीं होगा. निर्माण कार्य करने वाली एजेंसी इसके लिए किसी अन्य स्थान का चयन कर ले. सिंडिकेट सदस्य पप्पू वर्मा ने कहा कि निर्माण कार्य के लिए राजकीय मदरसा इस्लामिया समशुल होदा के जमीन लिया जाये.
गौरतलब है कि सरकार ने मेट्रो स्टेशन के निर्माण के लिए सायंस कॉलेज की करीब दो हजार वर्ग मीटर जमीन की मांग की थी. साइंस कॉलेज व एनआइटी कॉर्नर पर ही मेट्रो स्टेशन का निर्माण किया जाना है. इस वजह से अधिक जमीन की जरूरत पड़ रही है. इसके अलावा पीयू की कुछ अन्य जमीन भी जायेगी.
पीयू शैक्षणिक सत्र 2019-20 के स्टूडेंट्स का दीक्षांत समारोह 21 मई को होगा. बैठक में 21 मई को दीक्षांत समारोह कराने पर भी मुहर लगा दी गयी है. सभी पीजी विभाग के टॉपर्स को गोल्ड मेडल दिया जायेगा. समारोह में 33 स्टूडेंट्स को गोल्ड मेडल दिया जाना है. इसमें 31 नियमित पीजी विभाग संचालित हो रहे है.
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सायंस कॉलेज के खेल मैदान देने से पढ़ाई के साथ-साथ खेल भी प्रभावित होगी. इसके बाद सभी सदस्यों ने इसका विरोध किया. विरोध के बाद अस्थायी जमीन देने की योजना रद्द कर दी गयी है. बैठक में की अध्यक्षता पीयू कुलपति प्रो गिरीश कुमार चौधरी ने किया. बैठक में प्रति कुलपति डॉ अजय कुमार सिंह, संकायाध्यक्ष छात्र कल्याण प्रो अनिल कुमार, कुलानुशासक डॉ रजनीश कुमार, कुलसचिव कर्नल कामेश कुमार के अलावा अन्य उपस्थित सदस्यों ने अपनी राय रखी जिनमें नवीन कुमार आर्या, नीतीश कुमार टनटन, पप्पू वर्मा एवं प्रो शशांक भूषण लाल थे.