बिहार में सवा करोड़ का मनरेगा घोटाला! फर्जी खातों से निकले पैसे, 11 साल बाद दायर चार्जशीट से हुआ खुलासा
बिहार में करोड़ों रुपए के कथित मनरेगा घोटाले की जांच चल रही है. 11 साल के बाद निगरानी के द्वारा चार्जशीट दायर किया गया जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. मुजफ्फरपुर के मड़वन प्रखंड के रक्सा पंचायत का यह मामला है.
बिहार में मनरेगा घोटाला का मामला फिर एकबार तूल पकड़ चुका है. मुजफ्फरपुर के मड़वन प्रखंड के रक्सा पंचायत में मनरेगा में हुए 1.23 करोड़ के घोटाला की राशि निकालने के लिए आरोपितों ने डाकघरों में 270 फर्जी खाता खोला था. निगरानी द्वारा कोर्ट में दाखिल चार्जशीट से इसका खुलासा हुआ है. यहीं नहीं, दो ऐसे खाते भी मिले, जिससे खाताधारी की मौत होने के बाद भी निकासी की गयी है. वहीं भागलपुर में भी मनरेगा से हुए 20 करोड़ के कामों की जांच शुरू कर दी गयी है. जिससे कर्मियों में हड़कंप मचा हुआ है.
निगरानी की चार्जशीट में बड़ा खुलासा
मुजफ्फरपुर के मड़वन प्रखंड के रक्सा पंचायत में मनरेगा घोटाला को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. निगरानी के द्वारा कोर्ट में जो चार्जशीट दायर किया गया है उसके अनुसार, जांच में यह भी पता चला कि 16 ऐसे लोगों के नाम पर खाता खोला गया था, जो दूसरे राज्य में लंबी अवधि से रह रहे थे. एक व्यक्ति के नाम पर तो दो तो एक के नाम पर तीन खाता खोला गया था. चार्जशीट में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि 20 व्यक्ति ने कभी रक्सा डाकघर में खाता नहीं खोला और नहीं कभी निकासी की. इसके साथ ही 149 ऐसे खाताधारक थे, जिनका खाता खुला, लेकिन उन्होंने कभी डाकघर से राशि प्राप्त नहीं की. निगरानी के आइओ ने जांच में यह भी पाया कि मुखिया, रक्सा व हरचंदा के पंचायत रोजगार सेवक की मिलीभगत से मृत खाताधारियों के नाम पर फर्जी खाता खोल कर सरकारी राशि का गबन किया गया.
मिट्टी भराई और नाला निर्माण के नाम पर हुआ था घोटाला
मड़वन प्रखंड के रक्सा पंचायत में 2006 से 2011 तक मनरेगा के अंतर्गत मिट्टी भराई एवं मिट्टीकरण का कार्य, जल निकासी के लिए नाला निर्माण, वृक्षारोपण का कार्य हुआ था. इसमें एक करोड़ 23 लाख 40 हजार 105 रुपये का घोटाला पकड़ा गया था. 11 साल बाद विजिलेंस कोर्ट में 38 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है.
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सीएम के जनता दरबार में दिया था आवेदन, निगरानी कर रही जांच
घोटाला को लेकर सर्वहारा विकास मंच रक्सा कांटी के कोषाध्यक्ष पिंकी माया, अरविंद कुमार सिंह, अजय कुमार उर्फ रविंद्र कुमार सिंह एवं रमेश ठाकुर ने मुख्यमंत्री के जनता दरबार में आवेदन दिया था. इसके आधार पर 25 अक्टूबर 2011 को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने मामला दर्ज करते हुए इसका जांच अधिकारी तत्कालीन विजिलेंस एसपी तिरहुत प्रक्षेत्र उपेंद्र कुमार सिंह को बनाया गया था. उन्होंने अपने 238 पन्ने की जांच रिपोर्ट में मनरेगा के तहत संचालित सभी योजनाओं में भारी गड़बड़ी पकड़ी थी. जांचकर्ता विजिलेंस एसपी उपेंद्र कुमार सिंह के जांच के आधार पर 54 लोगों पर निगरानी में 16 जनवरी 2013 को प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.
भागलपुर में मनरेगा कामों की जांच के निर्देश
इधर, भागलपुर में भी मनरेगा के कामों की जांच शुरू हो गयी है. जिले में मनरेगा के अंतर्गत 20 करोड़ रुपए के काम की जांच हो रही है. वित्तिय वर्ष 2022-23 के पहले का यह काम है. जानकारी के अनुसार, मनरेगा आयुक्त के निर्देश पर यह जांच शुरू हुई है. 20 करोड़ के काम को पूर्ण दिखाकर एमआइएस पर अपलोड किया गया है. लेकिन इसमें कुछ खामियां पायी गयी हैं जिसकी जांच की जा रही है.