बिहार आकर काम करनेवाले प्रवासियों को साल में एक बार घर आने-जाने को मिलेगा किराया, जानें श्रम विभाग की नयी नीति

सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार अलग से एक टोल फ्री नंबर जारी करेगा. श्रम संसाधन विभाग ने दूसरे राज्यों के प्रवासी कामगारों के लिए यह व्यवस्था की है, ताकि उनको कभी किसी तरह की परेशानी नहीं हो सकें.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 29, 2021 11:19 AM

पटना. राज्य की कारखानों में काम करने वाले दूसरे राज्यों के प्रवासी कामगारों को विशेष सुविधा मिलेगी. नये श्रम कानून के तहत विशेषकर साल में एक बार उन प्रवासियों को घर आने-जाने का किराया मिलेगा. वहीं, इनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार अलग से एक टोल फ्री नंबर जारी करेगा. श्रम संसाधन विभाग ने दूसरे राज्यों के प्रवासी कामगारों के लिए यह व्यवस्था की है, ताकि उनको कभी किसी तरह की परेशानी नहीं हो सकें.

नियोक्ता श्रमिक को एकमुश्त देंगे किराया

अगर नियोक्ता दूसरे राज्यों के कामगारों को अपनी फैक्टरी में रखेंगे, तो उन्हें अपने श्रमिक को ट्रेन, बस या किसी अन्य यात्री परिवहन माध्यम से रोजगार स्थान से घर तक आने-जाने की यात्रा के लिये किराया एकमुश्त देना होगा. यह राशि ट्रेन में स्लीपर से कम की नहीं होगी.

यह सुविधा वैसे कामगारों को मिलेगा जो एक साल के 180 दिन कम से कम संबंधित प्रतिष्ठान में काम कर चुके हैं. अगर प्रवासी कामगार बिना यात्रा भत्ता लिए ही फैक्ट्री बदल ले और नये प्रतिष्ठान में छह महीने काम पूरा कर ले तो उसे यात्रा भत्ता का लाभ नये प्रतिष्ठान से ही मिलेगा.

सुरक्षा के लिए अलग से टोल फ्री नंबर भी

प्रवासी कामगारों के लिए एक टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर की सुविधा रहेगी. राज्य सरकार खुद यह हेल्पलाइन नंबर स्थापित करेगी ताकि दूसरे राज्य के कामगारों के परिजन उस पर फोन कर आवश्यक जानकारी दे सकें या कोई सूचना ग्रहण कर सकें. अगर फैक्ट्री संचालकों की ओर से कोई मनमानी की गयी, तो उस नंबर भी प्रवासी कामगार के परिजन शिकायत भी कर सकेंगे.

सरकार ने साफ किया है कि अंतर-राज्यिक प्रवासी कामगारों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने के लिए किए जाने वाले अध्ययनों की पहचान की जायेगी. जहां कहीं भी आवश्यक हो, राज्य सरकार अंतर-राज्यिक प्रवासी कामगारों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण में शामिल केंद्र सरकार या विशेषज्ञ संगठनों से परामर्श भी कर सकती है.

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