मनोज कुमार, पटना. बिहार में बीते सात की तुलना में इस साल दूध की बिक्री में जबरदस्त इजाफा हुआ है. पिछले साल से इस साल राज्य में 1.41 लाख लीटर दूध की बिक्री बढ़ गयी है. इस साल तीन महीनों अप्रैल, मई और जून में प्रतिदिन 19.20 लाख लीटर दूध की बिक्री हुई है. बीते वर्ष 2022-23 में 17.79 लाख लीटर दूध की बिक्री हुई थी. वर्ष 2021-22 में 17.14 लाख, वर्ष 2020-21 में 15.21 लाख, वर्ष 2019-20 में 15.06 लाख, वर्ष 2018-19 में 14.38 लाख और वर्ष 2017-18 में 14.55 लाख लीटर प्रतिदिन दूध की बिक्री हुई थी.
दुग्ध उत्पादक सहयोग समितियों के माध्यम से दूध कलेक्शन में भी इजाफा हुआ है. इस वर्ष 18.50 लाख किलो रोजाना दूध का संग्रहण हुआ है. इससे पूर्व वर्ष 2022-23 में 16.63 किलो प्रतिदिन दूध का संग्रहण हुआ था. बीते चार वर्ष में इस वर्ष सबसे अधिक दूध संग्रहण हुआ है. इससे पहले वर्ष 2018-19 में 19.31 लाख किलो प्रतिदिन दूध का संग्रहण हुआ था.
पूर्व में अप्रैल, मई व जून में दूध का उत्पादन कम होता था. गर्मी व चारा की कमी के कारण दूध उत्पादन प्रभावित होता था. समितियों के खुलने से अब गांव-गांव से दूध का कलेक्शन हो रहा है. पूरे राज्य में अब 28250 दुग्ध उत्पादक सहयोग समितियां कार्य कर रही हैं. इसके अलावा अब 1000 समितियां और खोली जानी हैं. इस पर 14 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
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बिहार में अब प्रतिदिन एक व्यक्ति 400 ग्राम दूध पी रहा है. वर्ष 2006 में राज्य में एक व्यक्ति प्रतिदिन 154 ग्राम दूध पी रहा था. राष्ट्रीय औसत 444 ग्राम प्रतिदिन प्रति व्यक्ति दूध पीने का है. वहीं, दूध उत्पादन में बिहार राष्ट्रीय औसत से आगे निकल गया है. बिहार में दूध उत्पादन का औसत 7.3 फीसदी है, जबकि राष्ट्रीय औसत 5.29 प्रतिशत ही है.