Bihar News: भागलपुर की पहचान बिहार की सिल्क सिटी के रूप में है. लेकिन हाल की कुछ कार्रवाई को देखा जाए तो अवैध तरीके से हथियार बनाने का यह सेफ जोन बन गया है. अपराधियों के हौसले इस तरह बुलंद हो गये हैं कि पुलिस स्टेशन के करीब ही अब मिनी गन फैक्ट्री का संचालन करते हैं. पुलिस को इसकी भनक नहीं लगती. लेकिन बाहर से आकर एसटीएफ की टीम भंडाफोड़ कर जाती है.
कहलगांव में रविवार को मिनी गन फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ. पटना से आई एसटीएफ की टीम ने इसका खुलासा किया और मौके पर से दो संचालकों समेत हथियार बनाने वाले दो मिस्त्री को भी गिरफ्तार किया. नहर रोड पर एक मकान में मौत के सामान बनाए जा रहे थे, इसकी भनक भी लोगों को नहीं थी. मौके पर से कई अर्धनिर्मित हथियार व उसे तैयार करने वाले उपकरण भी बरामद किये गये.
बताते चलें कि पटना एसटीएफ ने ही हाल में नाथनगर में मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा किया था. एसटीएफ ने पुष्ट सूचना के आधार पर पहले स्टेशन के सामने से दो हथियार तस्करों को गिरफ्तार किया था. वहीं दोनों ने नाथनगर में मिनी गन फैक्ट्री चलने की जानकारी एसटीएफ को दी थी. जिसके बाद कार्रवाई की गयी तो छापेमारी में मिनी गन फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ था.
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इन सबके बीच एक बड़ा सवाल यह है कि आखिर पटना से आई एसटीएफ की टीम के पास इतनी बड़ी जानकारी रहती है. लेकिन स्थानीय पुलिस को इसकी भनक क्यों नहीं लग पाती. आखिर पुलिस स्टेशन के करीबी क्षेत्र में ही मौत का सामान बनाने की जुर्रत कैसे हो जाती है.
बता दें कि भागलपुर के नाथनगर और कहलगांव में मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा हुआ तो अब ये सवाल उठने लगा है कि क्या हथियार बनाने के लिए भागलपुर सेफ जोन बन गया है. आखिर पॉश इलाकों में इस तरह मिनी गन फैक्ट्री का संचालन कैसे होता है.
Posted By: Thakur Shaktilochan