पौष मास में 14 दिसंबर से 14 जनवरी तक मिनी पितृपक्ष मेला का आयोजन होगा. यहां के पंडा समाज से जुड़े लोगों की मानें, तो इस बार मेले में तीन लाख से अधिक पिंडदानियों के आने की उम्मीद है. इन पिंड दानियों के पहुंचने से इस बार 60 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार हो सकता है. जानकारों की मानें, तो मेले में आने वाले अधिकतर पिंड दानी एक अथवा तीन दिनी पिंडदान का कर्मकांड करते हैं. पिंडदान से जुड़े सभी सामानों की खरीदारी भी स्थानीय स्तर पर करते हैं. इससे कारोबार को गति मिलती है.
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मिनी पितृपक्ष: पितरों की शांति के गया में 14 दिसंबर से होगा पिंडदान, देखें क्यों होगा विशेष
मिनी पितृपक्ष: 14 दिसंबर से एक माह तक खरमास रहता है. 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर गंगा स्नान की हिंदू धर्म में पौराणिक मान्यता रही है. पिंड दानी गंगा स्नान से पहले गयाजी आकर पितरों की आत्मा की शांति व मोक्ष प्राप्ति के लिए पिंडदान का कर्मकांड संपन्न करते हैं.
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