बिहार के बालू घाटों से हो रहे बालू के अवैध खनन, परिवहन, भंडारण के खिलाफ अब मार्च से खनन पुलिस की तरफ से सीधी कार्रवाई की जायेगी. खान एवं भू-तत्व विभाग ने खनन पुलिस बल गठन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके लिए 30 जनवरी तक आवेदन पत्र मांगा गया है. यह माना जा रहा है कि फरवरी में खनन पुलिस की नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी. संभावना है कि मार्च से खनन पुलिस मोर्चा संभाल लेगी.
बिहार स्टेट माइनिंग काॅरपोरेशन के लिए खनन पुलिस गठन की कवायद के क्रम में खान एवं भू-तत्व विभाग ने पुलिस सेवा से सेवानिवृत्त पुलिस अवर निरीक्षक और पुलिस निरीक्षकों से आवेदन आमंत्रित किये हैं. आवेदन देने की मियाद 30 जनवरी निर्धारित की गयी है. विभाग पहले चरण में दारोगा और इंस्पेक्टर के पदों पर छह महीने के लिए बहाली करेगा. कार्य संतोषप्रद होने पर इनकी अवधि विस्तार किया जायेगा. कार्य संतोषप्रद नहीं होने की स्थिति में एक सप्ताह का नोटिस देकर उनको हटाया जा सकेगा.
विभाग के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार नियोजित दारोगा व इंस्पेक्टर को मासिक मानदेय मिलेगा, जो संबंधित कर्मी की सेवानिवृत्ति के वक्त उसकी पेंशन राशि घटाकर उसके वेतन के बराबर वेतन होगा. खनन पुलिसकर्मियों के लिए अधिकतम आयु 65 वर्ष निर्धारित की गयी है. चयन समिति की अनुशंसा के बाद नियुक्ति और इनके पदस्थापन का आदेश खान एवं भू-तत्व विभाग जारी करेगा.
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मालूम हो कि बिहार में खनन पुलिस की आवश्यकता काफी समय से महसूस की जा रही थी. राज्य के बालू घाटों पर बीते तीन-चार वर्षों में अवैध गतिविधियां बढ़ी हैं. अवैध गतिविधियां कुछ पल के लिए रुकती हैं और बाद में धंधा वापस शुरू हो जाता है. आलम यह है कि बिहार में तीन से चार साल पहले 28 जिलों के बालू घाटों से खनन होता था जो आज घटकर 16 जिलों तक सीमित हो गया है. सरकार को बालू से होने वाले राजस्व में लगातार नुकसान को देखते हुए खनन पुलिस की व्यवस्था करनी पड़ी है.