पटना: बिहार के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत का कहना है कि राज्यभर में कृषि विभाग की जितनी भी खाली जमीन है, उसे प्राइवेट सेक्टर (किसान) को सौंपकर बीज का उत्पादन कराया जायेगा. सोमवार को बिहार कृषि प्रबंधन एवं प्रसार प्रशिक्षण संस्थान (बामेती) पटना के सभागार में विश्व मृदा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में कृषि मंत्री ने यह घोषणा की. किस जिला में कहां और कितनी जमीन खाली पड़ी है. सभी जिला में जमीन को चिह्नित किया जा रहा है.
कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत का कहना था कि विभाग जल्दी ही किसानों को उसका आवंटन कर बीज उत्पादन शुरू कराया जायेगा. जिन किसानों को बीज के लिये जमीन दी जायेगी उनका 50 फीसदी बीज सरकार लेगी. बचा हुआ बीज किसान बाजार में बेचने के लिए स्वतंत्र होंगे. सरकार की योजनाएं किसानों तक पहुंचाने के लिए वालियंटर भी बनाये जायेंगे.
विभाग प्रत्येक ग्राम पंचायत से एक- एक युवक का चुनाव किया जायेगा. मिट्टी की जांच से लेकर फसल अवशेष प्रबंधन और सभी योजनाओं की ट्रेनिंग दी जायेगी. प्रशिक्षित युवक पंचायत के सभी गांव के लोगों को प्रेरित करेगा. उनकी मदद करेगा. सरकार की योजना किसानों तक कितनी पहुंची इसका फीड बैक भी उससे लिया जायेगा ताकि सरकारी फीड बैक को भी क्राॅस चेक किया जा सके.
मंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि इस काम के लिए वालंटियर को किसी भी तरह का मानदेय या आर्थिक लाभ नहीं दिया जायेगा. किसानों द्वारा उर्वरक का अत्यधिक प्रयोग करने से कृषि उपज कम होने तथा मिट्टी की गुणवत्ता खराब होने पर चिंता प्रकट की. किसान मिट्टी की अधिक से अधिक जांच कराकर जरूरत के अनुसार ही उर्वरक का प्रयोग करें इसके लिए किसानों को उनके वाट्सएप पर ही जांच रिपोर्ट दी जायेगी.
वित्तीय वर्ष 2022- 23 में कुल पांच लाख मिट्टी नमूनों की जांच का लक्ष्य है. अब तक 499845 मिट्टी नमूना प्रयोगशाला को प्राप्त हो चुका है. 324112 मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों के बीच वितरित किया जा चुका है. इस दौरान कृषि सचिव डा. एन सरवण कुमार, विशेष सचिव रवीन्द्रनाथ राय, कृषि निदेशक डाॅ आदित्य प्रकाश, निदेशक उद्यान नन्द किशोर, अपर निदेशक (शष्य) धनंजयपति त्रिपाठी, निदेशक बामेती आभांशु सी जैन आदि पदाधिकारी मौजूद रहे.