राज्य के मंत्री 30 लाख रुपये की, तो सरकार के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव व उनके समकक्ष स्तर के अधिकारी 25 लाख रुपये की गाड़ी से चलेंगे. वहीं, पुलिस अधीक्षक से चार लाख रुपये महंगी गाड़ी से जिलाधिकारी करेंगे सफर. एसपी का वाहन 16 लाख का होगा, तो डीएम का 20 लाख रुपये तक का होगा. राज्य सरकार ने सभी स्तर के अधिकारियों के लिए गाड़ी खरीद की अधिकतम कीमत तय कर दी है. निर्धारित क्रय-मूल्य में ऑन रोड कीमत के साथ वाहनों के साज-सज्जा पर होने वाला व्यय भी सम्मिलित है.
मुख्य सचिव आमिर सुबहानी की अध्यक्षता वाली प्रशासी पदवर्ग समिति ने मंत्रियों, न्यायाधीशों व अधिकारियों के लिए वाहनों के क्रयमूल्य का निर्धारण किया था. सरकार की स्वीकृति के बाद वित्त विभाग के सचिव (संसाधन) लोकेश कुमार सिंह ने इससे संबंधित अधिसूचना जारी कर दी है. वित्त विभाग ने इस संबंध में सभी विभागों के प्रमुख को विभिन्न स्तरों के लोक सेवकों और अधिकारियों को उपयोग के लिए सरकारी वाहन की खरीद के लिए खर्च की अधिकतम सीमा तय किये जाने संबंधी दिशा-निर्देश जारी किया है.
हाइकोर्ट के न्यायाधीश के सरकारी वाहन अधिकतम 30 लाख रुपये के हो सकते हैं. जिला जज और जिलाधिकारी के समकक्ष स्तर के अधिकारियों के लिए वाहनों की खरीद की अधिकतम कीमत 20 लाख रुपए और अन्य अधिकारी जिनके लिए वाहन अनुमान्य है, उनके लिए यह सीमा 14 लाख तय की गयी है. उल्लेखनीय है कि इससे पहले फरवरी 2020 में वित्त विभाग वाहन खरीद के लिए अधिकतम मूल्य तय किया था