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बिहार: सरकारी कोचिंग से 427 अल्पसंख्यक अभ्यर्थी बने अधिकारी, 911 ने पहनी खाकी वर्दी

मुख्यमंत्री एससी- एसटी सिविल प्रोत्साहन योजना के तहत वर्ष 2018 से 2022 तक एससी-एसटी वर्ग के पांच छात्र-छात्राएं यूपीएससी में सफल हुए हैं. इनमें एक का आइएएस व चार अन्य का अखिल भारतीय सेवा में चयन हुआ.

By Prabhat Khabar News Desk | May 30, 2023 3:29 AM

मनोज कुमार, पटना. अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं की नौकरी में प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए बिहार सरकार की ओर से स्टूडेंट्स को कोचिंग दी जा रही है. वर्ष 2015 से 2022 तक इन आठ वर्षों में सरकार की तरफ से कोचिंग प्राप्त करने वाले 427 छात्र-छात्राओं ने बीपीएससी की प्रारंभिक व इंटरव्यू परीक्षा में सफलता प्राप्त की है. वहीं, उत्पाद, कक्षपाल, वाहन चालक तथा केंद्रीय चयन पर्षद के चालक सिपाही भर्ती व दक्षता परीक्षा में कोचिंग की सहायता से 911 छात्र-छात्राओं को सफलता मिली. जबकि मोटरयान दक्षता प्रशिक्षण में 200 छात्र- छात्राओं में किसी को सफलता नहीं मिली. वहीं बिहार न्यायिक सेवा के साक्षात्कार में 12 अभ्यर्थी सफल हुए है.

रेलवे, बैंकिंग व एसएससी में सफल नहीं हुए अभ्यर्थी

रेलवे, बैंकिंग व एसएससी परीक्षा में सफलता के लिए कुल 1040 अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं को कोचिंग दी गयी थी. इनमें किसी को भी सफलता नहीं मिली. वर्ष 2021-22 में सीटीइटी व टीइटी में कोचिंग पाने वाले सभी 250 छात्र-छात्राएं असफल हो गये. सिपाही भर्ती परीक्षा के शारीरिक दक्षता परीक्षा में भी सभी 400 अभ्यर्थी असफल हो गये. वर्ष 2019-20 में सीटीइटी व बीटीइटी में 141 छात्र-छात्राआएं सफल हुए थे.

एससी-एसटी वर्ग का एक अभ्यर्थी बना आइएएस

मुख्यमंत्री एससी- एसटी सिविल प्रोत्साहन योजना के तहत वर्ष 2018 से 2022 तक एससी-एसटी वर्ग के पांच छात्र-छात्राएं यूपीएससी में सफल हुए हैं. इनमें एक का आइएएस व चार अन्य का अखिल भारतीय सेवा में चयन हुआ. वहीं, 191 अभ्यर्थियों ने बीपीएससी में सफलता हासिल की. इनमें पांच का बिहार प्रशासनिक सेवा, पांच का बिहार पुलिस सेवा, 15 का बिहार वित्त सेवा और 166 का चयन अन्य सेवा में हुआ है.

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