पटना. रामनवमी पर राज्य के कुछ हिस्सों में हुई हिंसा के बाद बनी परिस्थितियों के बीच राजद कैसे काम करें? इस संदर्भ में पार्टी के आलाकमान के निर्देश पर राजद के प्रदेश कार्यालय में एक उच्चस्तरीय विमर्श हुआ. इसमें राजद के वरिष्ठ नेता विशेष रूप से अल्पसंख्यक वर्ग के नेताओं ने भाग लिया. पार्टी हिंसा के बाद दो समुदाय के बीच बनी खाई को पाटने के लिए रणनीति बनायी गयी. सबसे अहम यह है कि राजद की रणनीति रहेगी कि वह भाजपा के दुष्प्रचार का जवाब दे.
समाज में खाई पाटेगा राजद : आलोक मेहता
करीब एक घंटे से अधिक समय तक चली इस बैठक में भाग लेने के बाद जानकारी देते हुए भूमि और राजस्व सुधार विभाग के मंत्री व राष्ट्रीय जनता दल के प्रधान महासचिव आलोक कुमार मेहता ने बताया कि अभी जो अद्यतन हालात है. उस पर चर्चा हुई. हाल ही में हुई हिंसा को हमारी पार्टी और हमारा महागठबंधन किस रूप में इसे ले रहा है? बैठक में तय हुआ कि आने वाले दिनों में कैसे हालत सामान्य किये जाएं . इसके अलावा धार्मिक सद्भाव और जागरूकता के लिए पार्टी काम करे.
बीजेपी का मूल आरएसएस
यह पूछे जाने पर कि क्या राजद की तरफ से कोई भी सासाराम जायेगा ? आलोक मेहता ने कहा कि इसे देखा जा रहा है. हालांकि , पहले सरकारी स्तर पर जो किया जा सकता है, उसे किया जा रहा है. भाजपा के स्थापना दिवस पर अपना बयान देते हुए आलोक कुमार मेहता ने कहा कि बीजेपी बहुत नयी पार्टी है, लेकिन उसका मूल आरएसएस है. आरएसएस करीब 100 साल पुराना कट्टरपंथी संगठन है. इनको आरएसएस का स्थापना दिवस मनाना चाहिए.
बैठक में ये रहे मौजूद
बैठक में राजद के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी, राष्ट्रीय प्रधान सचिव भोला यादव , राज्य सरकार में शामिल वरिष्ठ नेता आलोक मेहता, मंत्री शमीम अहमद और इसराइल मंसूरी के अलावा कई अल्पसंख्यक विधायक भी उपस्थित रहे.