Loading election data...

बिहार में दुष्कर्मी को 7 साल की सजा, 13 साल बाद पीड़िता को मिला न्याय

नाबालिग के साथ दुराचार मामले में मुंगेर व्यवहार न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम गुंजन पांडेय की अदालत ने आरोपी को 7 साल की सजा सुनाई है. अदालत ने सात साल कैद के साथ 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 5, 2023 4:39 PM

मुंगेर. नाबालिग के साथ दुराचार मामले में मुंगेर व्यवहार न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम गुंजन पांडेय की अदालत ने आरोपी को 7 साल की सजा सुनाई है. अदालत ने सात साल कैद के साथ 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. जुर्माने की राशि जमा नहीं किये जाने पर 3 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी. 13 साल के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार आज पीड़िता को न्याय मिल गया.

ट्यूशन पढ़ने जाया करती थी पीड़िता

सजा के बिंदु पर बचाव पक्ष के अधिवक्ता बिरेंद्र कुमार ने बहस की तो वहीं सरकार की तरफ से अपर लोक अभियोजक गौतम कुमार ठाकुर मौजूद थे. गौतम कुमार ठाकुर ने बताया कि घटना मुफसिल थाना कांड संख्या 10/2010 से जुड़ा है. बताया जाता है कि जिलानी अपने घर में बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने का काम किया करता था और नाबालिग पीड़िता भी उसी के यहां ट्यूशन पढ़ने जाया करती थी. 29 जनवरी 2010 को 4 बजे शाम में नाबालिग पीड़िता जब पढ़ने गई और पढ़ाने के दौरान प्राइवेट शिक्षक जिलानी पीड़िता के साथ डरा धमका कर दुराचार किया.

जान से मारने तक की दी थी धमकी

कोर्ट में पीड़िता ने बयान दिया कि इज्जत बचाने के लिए जब वो रोने चिल्लाने लगी, तो अभियुक्त ने अपने हाथ से उसका मुँह दबा दिया और इस घिनौनी घटना को अंजाम दिया. साथ ही घर में यह बात किसी से नहीं बताने को कहा. ऐसा किया तो जान से मारने की धमकी तक दे डाली. पीड़िता को लुभाने के लिए घटना के एक दिन पहले स्कॉलरशिप दिलाने के नाम पर एक कागज पर दस्तखत भी करवाया गया. मामले का खुलासा तब हुआ जब घटना की एक दिन के बाद पीड़िता ने ट्यूशन जाने से मना कर दिया और कारण पूछे जाने पर पीड़िता ने अपनी मां को पूरी बाते बतायी. जिसके बाद परिजनों ने मुफस्सिल थाने में केस दर्ज कराया.

Next Article

Exit mobile version