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बिहार: जब 23 साल बाद विधवा के सामने आ गया उसका पति, हकीकत जानकर सब रहे गये दंग…

Bihar News: जमुई में शुक्रवार को एक हैरान करने वाला वाक्या सामने आया है. एक महिला जो 23 साल से विधवा का जीवन जी रही थी. अचानक उसका पति वापस अपने घर लौट आया. पूरे गांव में ये चर्चा का विषय बना हुआ है.

Bihar News: बिछड़े रिश्तों के दशकों बाद मिलने की कहानी फिल्मों में तो खूब देखने को मिलती है, लेकिन इसका जीवंत उदाहरण शुक्रवार को जमुई जिला मुख्यालय के भछियार मुहल्ले में देखने को मिला. बीते 23 सालों से अपने जिस पति को मरा समझकर उसकी पत्नी विधवा का जीवन व्यतीत कर रही थी, ढाई दशक बाद वह अचानक ही वापस लौट आया. जिसके बाद उसके परिजनों को इस पर यकीन ही नहीं हुआ.

23 साल से विधवा का जीवन जी रही महिला

मामला सदर थाना क्षेत्र के भछियार मोहल्ले का है, जहां शुक्रवार को यह अजीबोगरीब घटना सामने आई है. जानकारी के अनुसार भछियार मोहल्ला के वार्ड नंबर 25 निवासी रघुनंदन ठठेरा उर्फ डोमन ठठेरा वर्ष 1999 में अचानक ही लापता हो गया था. रघुनंदन के गायब होने के बाद जब उसकी पत्नी गौरी देवी को पति की कोई भी खबर नहीं मिली तब उसने रघुनंदन ठठेरा को मरा मानकर विधवा जीवन जीना शुरु कर दिया. अपनी मांग की सिंदूर मिटा कर गौरी देवी ने परिवार की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले ली और अपने बच्चों का पालन पोषण करने लगी. अब 23 साल बाद अचानक उसका पति वापस लौट आया, जिसके बाद गौरी देवी सहित पूरे परिवार की खुशियां वापस लौट आई है.

जुए में हार कर चला गया था नेपाल

रघुनंदन ठठेरा ने बताया कि वर्ष 1999 में जुआ खेलने की लत ने उसे काफी दलदल में धकेल दिया तथा वह बुरी तरह से कर्जे में डूब गया. इससे पहले वह गांव-गांव में घूमकर बर्तन बेचने का काम करता था, लेकिन जब कर्ज बढ़ गया तब उसने यहां से भाग निकलने का सोचा और एक दिन घर छोड़कर चला गया. इसके बाद वह नेपाल चला गया तथा वहीं बर्तन बेचकर अपना गुजर-बसर कर रहा था.

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23 साल बाद लौटा तो खुद के घर को नहीं पहचान सका

बताया कि 23 साल लगातार बर्तन बेचने के बाद उसके एक जानने वाले ने जब उसे काफी समझाया तब उसने वापस अपने परिवार के पास आने का फैसला किया तथा शुक्रवार को वह अपने मोहल्ले में पहुंच गया. लेकिन बीते 23 सालों में संरचनात्मक बदलाव हो जाने के कारण उसे अपने घर को पहचानने में दिक्कत आने लगी तथा वह थक हार कर मोहल्ले के बाहर बैठ गया. इस दौरान वहां से गुजर रहे एक बुजुर्ग व्यक्ति की नजर उस पर पड़ी जिसने रघुनंदन को पहचान लिया तथा उसे उसके घर ले जाकर पहुंचा दिया. रघुनंदन के घर पहुंचते ही परिजनों के बीच खुशियां छा गई हैं.

रघुनंदन ठठेरा पूरे इलाके में चर्चा का विषय

रघुनंदन ठठेरा के वापस लौट आने की खबर पूरे इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है. जिस वक्त रघुनंदन ने अपना घर छोड़ा था तब उसके सात बच्चे थे. जिसमें सबसे बड़ा बेटा प्रमोद कुमार 30 वर्ष का था, लेकिन 40 की उम्र में उसकी मौत हो गई. इसके अलावा उसका दूसरा बेटा विनोद कुमार 39 साल का हो गया है. तीसरा बेटा सुबोध कुमार 33 वर्ष का, चौथा बेटा नेपाली जो 26 साल का हो गया है. जबकि बड़ी बेटी सरिता कुमारी 45 तथा दूसरी बेटी किरण कुमारी अब 41 साल की हो गई है. पिता के घर छोड़कर जाने के बाद उनके पुत्रों ने ही अपनी सभी बहनों का विवाह करवाया.

(जमुई से गुलशन कश्यप की रिपोर्ट)

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