मिशन 2024: दस कमजोर सीटों पर मजबूती से उतरने की तैयारी में जुटी भाजपा, जानें कहां कमजोर है पार्टी
बैठक में खास कर उन दस लोकसभा सीटों पर विशेष चर्चा हुई, जिस पर भाजपा पहले चुनाव नहीं लड़ी. दो दिवसीय बैठक के पहले दिन दो दर्जन लोकसभा क्षेत्रों पर चर्चा की गयी. शनिवार को दूसरे दिन की बैठक के बाद पार्टी नेतृत्व संबंधित लोकसभा क्षेत्र में जाकर भ्री संगठन को मजबूत करने पर काम करेगा.
पटना. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भाजपा सांसदों की हुई मुलाकात के बाद बिहार भाजपा ने 2024 में सभी 40 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करने की तैयारियां शुरू कर दी है. इस कड़ी में शुक्रवार को राज्य मुख्यालय में प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी के नेतृत्व व सह प्रभारी हरीश द्विवेदी की उपस्थिति में हुई सांगठनिक बैठक में लोकसभा क्षेत्रों के विस्तारकों को मिशन 2024 को लेकर प्रस्तावित कार्ययोजना की जानकारी दी गयी. इस बैठक में खास कर उन दस लोकसभा सीटों पर विशेष चर्चा हुई, जिस पर भाजपा पहले चुनाव नहीं लड़ी. सूत्रों के मुताबिक दो दिवसीय बैठक के पहले दिन दो दर्जन लोकसभा क्षेत्रों पर चर्चा की गयी. शनिवार को दूसरे दिन की बैठक के बाद पार्टी नेतृत्व संबंधित लोकसभा क्षेत्र में जाकर भी संगठन को मजबूत करने पर काम करेगा.
मंडल से पन्ना प्रमुख तक को सौंपी जायेगी जिम्मेदारी
2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा गठबंधन ने 40 में से 39 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी. लेकिन, गठबंधन बदलने से 2024 में सभी सीटों पर लड़ना और जीत दर्ज करना बड़ी चुनौती रहेगा. केंद्रीय टीम ने दस लोकसभा सीटों किशनगंज, वाल्मिकीनगर, वैशाली, नवादा, पूर्णिया, कटिहार, सुपौल, झंझारपुर, मुंगेर और गया को लेकर राज्य इकाई को विशेष तैयारी का निर्देश दिया है. इन सीटों पर आम तौर पर भाजपा के गठबंधन सहयोगी ही लड़ते रहे हैं. पार्टी इन सीटों पर मंडल से लेकर पन्ना प्रमुख तक निर्धारित कर उनको जिम्मेदारी सौंपने पर काम करेगी.
हर सीट पर सात विस्तारक को मिली जिम्मेदारी
पार्टी सूत्रों के मुताबिक भाजपा ने कमजोर सीटों पर पार्टी को मजबूत करने के लिए खास रणनीति के तहत हर सीट पर सात विस्तारक को लगाया है. इनमें से एक पूरी सीट का प्रभारी है, जबकि छह अन्य विस्तारक संबंधित लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली विधानसभा सीटों पर काम करेंगे. इसके साथ ही पार्टी ने बूथ लेवल पर पन्ना प्रमुखों को जनता के बीच जाकर मोदी सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं के बारे में बताने का काम दिया है. बूथ से लेकर मंडल स्तर तक जिम्मेदारियां सौंपी गयी है. ये पदाधिकारी और कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर फीडबैक भी लेंगे और उसे पार्टी आलाकमान तक पहुंचायेंगे.
खत्म हो गया लोकतंत्र
भागलपुर के परबत्ती में धार्मिक स्थल पर पथराव के दोषियों की गिरफ्तारी को लेकर आमरण अनशन कर रहे बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं के पर हुए पुलिस लाठीचार्ज पर भी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने सरकार को घेरने का काम किया. बिहार भाजपा के अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार में लोकतंत्र खत्म हो गया है, वहीं नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है.
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बीजेपी नेताओं के साथ गुंडों जैसा बर्ताव
भागलपुर में बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष रोहित पांडेय और भाजपा कार्यकर्ताओं पर हुए लाठीचार्ज पर सम्राट चौधरी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि राज्य में अब लोकतंत्र समाप्त हो गया है. नीतीश सरकार भाजपा नेताओं के साथ अपराधी और गुंडे की तरह बर्ताव कर रही है. वहीं नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि भागलपुर, अरवल और कटिहार में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर लाठी और गोली चलाई गई. इन घटनाओं की जानकारी लेने गए मीडियाकर्मियों को भी पीटा गया. लोकतंत्र के लिए यह शुभ संकेत नहीं है.
पुलिस कार्रवाई की हो उच्च स्तरीय जांच
सिन्हा ने कहा कि भागलपुर के भाजपा जिलाध्यक्ष रहे रोहित पांडेय के साथ पुलिस ने बर्बर कार्रवाई की है. इसकी जितनी भी निंदा की जाए, वो कम है. आधी रात में पुलिस ने उन्हें जबरदस्ती उठा लिया. इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों पर अबिलंब कार्रवाई होनी चाहिए.
पुलिस पर गंभीर आरोप
परबत्ती की घटना में शामिल दोषियों की गिरफ्तार की मांग को लेकर 3 दिनों से आमरण अनशन कर रहे भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष रोहित पांडेय को पुलिस ने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए अनशन स्थल से जबरन हटाया था. इस दौरान हल्का बल प्रयोग करते हुए पुलिस ने लाठीचार्ज किया था. थोड़ी देर के लिए कचहरी चौक पर अफरा- तफरी की स्थिति हो गयी. सदर अस्पताल पहुंचे पूर्व जिला अध्यक्ष ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाये हैं. कहा कि उनका स्वास्थ्य ठीक है. पुलिस या तो उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजे या अनशन स्थल पर जाने दे. आरोप लगाया कि पुलिस ने लाठी- डंडा के बल पर उठाया.