मिशन 2024: भाजपा को हराने 100 से अधिक सीटों पर खेला करने की तैयारी, 4 राज्यों का जानें सियासी समीकरण

Mission 2024: भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए आगामी लोकसभा चुनाव में बिहार समेत 4 राज्यों पर महागठबंधन की विशेष नजर रहेगी. जानिये इन राज्यों में अगर भाजपा के खिलाफ माहौल रहा तो क्या असर पड़ेगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 11, 2022 9:31 AM

Mission 2024: आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए विपक्षी दल एकजुट होने लगे हैं. बिहार में सियासी उलटफेर के बाद नीतीश कुमार को जदयू ने इस काम के लिए अधिकृत किया. नीतीश कुमार लगातार विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं और आगे की तैयारी में जुटे हैं. उन्हें कई सियासी दिग्गजों का साथ भी मिला है और अब 4 राज्यों को विशेष तौर पर महागठबंधन ने टारगेट किया है.

2024 की तैयारी में जुटे दिग्गज

2014 में प्रचंड बहुमत से बनी भाजपा सरकार का चेहरा नरेंद्र मोदी रहे. पीएम मोदी के नाम पर चुनाव लड़ने वाली भाजपा 2019 के लोकसभा चुनाव में भी सीटों के मामले में एकतरफा प्रदर्शन कर गयी और बहुमत से सरकार में आई. अब 2024 के चुनाव में भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए विपक्षी खेमे की तैयारी शुरू हो गयी है. नीतीश कुमार ने जब महागठबंधन की ओर से विपक्षी दलों को एकजुट करने का जिम्मा थामा है तब से विपक्षी दलों की ओर से देशभर में एक माहौल बना है.

4 राज्यों पर विशेष नजर

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने पूर्व में दिये बयान में बताया था कि अगर बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल की लोकसभा सीटों पर मेहनत किया जाए तो इन तीन राज्यों में ही होने वाले नुकसान से भाजपा सत्ता से दूर हो जाएगी. लेकिन अब बंगाल सीएम ममता बनर्जी ने नीतीश कुमार, हेमंत सोरेन के साथ-साथ अखिलेश यादव का भी नाम लिया कि सभी साथ आएंगे. उधर सपा ने भी अपने पोस्टर में नीतीश कुमार और अखिलेश यादव को दिखाकर संदेश जारी किया है. जिसके बाद अब 4 राज्यों को मिलाकर बड़ी तैयारी की संभावना है.

Also Read: मिशन 2024: सपा के पोस्टर में अखिलेश यादव के साथ नीतीश कुमार,120 सीटों पर निशाना, जानें सियासी संदेश
यूपी-बिहार समेत 4 राज्यों का समीकरण

बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं तो यूपी में 80 सीटें. झारखण्ड की 14 और पश्चिम बंगाल की 42 सीटों को मिलाया जाए तो कुल सीटें 176 होती हैं. इन 176 सीटों में 105 सीटों पर अकेले भाजपा का ही कब्जा है. जबकि एनडीए गठबंधन की घटक दलें इन 105 सीटों के अलावे रही थी. अब जदयू के अलग होने के बाद बने समीकरण से इन 4 राज्यों पर विशेष नजर रहेगी. विपक्ष यहां अधिक पसीना बहाने का प्रयास करेगा.

Posted By: Thakur Shaktilochan

Next Article

Exit mobile version