पटना. बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी ने बिजली उपभोक्ताओं के डेटा का गलत इस्तेमाल करने वाले साइबर अपराधियों पर नकेल कसने की पूरी तैयारी पर कर ली है. कंपनी के सीएमडी संजीव हंस के आग्रह पर बिहार आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) के एडीजी नैय्यर हसनैन खान ने एसपी सुशील कुमार को पीड़ित बिजली उपभोक्ताओं के मामले की जांच का जिम्मा सौंपा है.
बिजली उपभोक्ताओं को साइबर अपराधियों के फोन कॉल और मैसेज की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए इओयू के एसपी सुशील कुमार ने होल्डिंग कंपनी के सीएमडी संजीव हंस से मुलाकात की. बैठक में साइबर अपराधियों के शिकार होने से बचाव और बिजली उपभोक्ताओं के डेटा को सुरक्षित रखने पर चर्चा हुई. तय हुआ कि इआेयू बिजली कंपनी के कर्मियों और उपभोक्ता के बीच जागरूकता अभियान चलायेगी.
सीएमडी संजीव हंस ने कहा कि साइबर अपराध जैसे मामलों से निबटने के लिए कंपनी विज्ञापन के माध्यम से बिजली उपभोक्ताओं को जागरूक करने का काम कर रही है. हम बिजली उपभोक्ताओं के डेटा को पूरी तरह सुरक्षित रखने पर भी काम कर रहे हैं. हमने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि थाने में जाकर वे पीड़ित उपभोक्ताओं को एफआइआर दर्ज करने में मदद करें. अभी साइबर अपराध के दो मामलों में एफआइआर दर्ज की गयी है.
उन्होंने बिजली उपभोक्ताओं से अपील है कि साइबर अपराधियों के फोन आने या शिकार होने पर उनके खिलाफ तुरंत थाने में केस दर्ज कराएं. उपभोक्ताओं को किसी संदिग्ध एप या लिंक जरिये भुगतान करने से बचना चाहिए. उन्हें हमेशा बिजली बिल भुगतान के लिए कंपनी के प्रमाणित बिहार बिजली स्मार्ट मीटर एप, सुविधा एप एवं वेबसाइट का उपयोग करना चाहिए.
उपभोक्ताओं को समझना होगा कि कंपनी की ओर से कभी भी कनेक्शन काटने का एसएमएस उपभोक्ताओं को भेज जाने पर उसमें मोबाइल नंबर का जिक्र नहीं होता. साथ ही कंपनी कभी भी छुट्टी वाले दिन कोई कनेक्शन नहीं काटती है. अगर उपभोक्ता के पास ऐसे फोन आये तो बिजली विभाग के स्थानीय कार्यालय में संपर्क करना चाहिए.
कंपनी के मैसेज में बिजली कंपनी का नाम, बिल जमा करने का एप,अंतिम तिथि और समय पर बिल जमा करने पर छूट की जानकारी मात्र रहती है. सीनियर प्रोटोकॉल अधिकारी ख्वाजा जमाल ने कहा कंपनी आर्थिक अपराध इकाई की सहयोग से साइबर अपराधियों पर लगाम लगायेगी. हम आर्थिक अपराध इकाई से लगातार संपर्क बनाये हुए हैं. बैठक में साउथ बिहार के एमडी महेंद्र कुमार भी मौजूद रहे.