Patna: पुराना परसा बाजार मोड़-संपतचक रोड के पास फ्लाइओवर बनाकर उसे मीठापुर-महुली एलिवेटेड पथ से जोड़ा जायेगा. यह निर्देश मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को दिया है. इससे संपतचक पथ से आने वालों को एक वैकल्पिक मार्ग मिलेगा और वे मीठापुरमहुली एलिवेटेड पथ के माध्यम से सुगमतापूर्वक आवागमन कर सकेंगे. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने मीठापुर-महुली एलिवेटेड पथ परियोजना के कार्य में तेजी लाने और जल्द काम पूरा करने का अधिकारियों व अभियंताओं को निर्देश दिया.
इससे पहले सीएम ने निर्माणाधीन मीठापुर-महुली एलिवेटेड पथ परियोजना की प्रगति का मंगलवार को जायजा लिया. साथ ही पुराना परसा बाजार-संपतचक रोड के पास कार्यों का निरीक्षण कर उसके नीचे स्थित सड़क को भी दुरुस्त करने का निर्देश दिया. निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री को अपर मुख्य सचिव पथ निर्माण प्रत्यय अमृत ने निर्माण कार्य की प्रगति की जानकारी दी. मौके पर सीएम के प्रधान सचिव दीपक कुमार, सीएम के अतिरिक्त परामर्शी मनीष कुमार वर्मा, सीएम के सचिव अनुपम कुमार आदि उपस्थित थे.
मीठापुर से सिपारा के बीच करीब 2.2 किमी लंबाई में फोरलेन एलिवेटेड रोड और सिपारा के पास आरओबी बनाने के लिए एक बार फिर से मंगलवार को टेंडर निकला है. पहले डिजाइन बदल जाने से इसका टेंडर कैंसिल कर दिया गया था. अगस्त के अंत तक निर्माण एजेंसी के चयन की संभावना है. साथ ही एटग्रेड फोरलेन रामगोविंद सिंह महुली हॉल्ट से पुनपुन तक करीब 2.1 किमी लंबाई में सड़क बनेगी.
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दोनों सड़क प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत करीब 400 करोड़ रुपये है. फिलहाल सिपारा से महुली के बीच एलिवेटेड रोड का निर्माण कार्य चल रहा है. इस सड़क परियोजना के पूरा होने पर दक्षिण पटना-आने वाले लोगों को जाम से निजात मिलेगी. शहर के विभिन्न इलाकों में फैले फ्लाइओवर से मीठापुर-महुली रोड से सफर करना आसान होगा. पांच लाख की आबादी को सीधे कनेक्टिविटी मिल जायेगी.
सीएम ने औचक निरीक्षण के दौरान स्थानीय लोगों से बात करके उनकी समस्या को भी जाना. मीठापुर‐ महुली एिलवेटड रोड परसा‐संपतचक पथ से जोड़ा जायेगा और संपतचक सड़क का चौड़ीकरण होगा, इस बात से स्थानीय लोग बेहद खुश हैं. लोगों ने कहा कि इस पथ के जुड़ने से लगभग 50 गांव लाभांवित होंगे. जाम की समस्या से राहत मिलेगी. कम समय में ही अब लोग पटना जा सकेंगे.
बिहार में एनएच पर हादसों को रोकने के लिए नये सिरे से साइनेज लगाने का केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने दिशा- निर्देश जारी किया. इसमें मुख्य रूप से साइनेज ठीक से दिखने, उन पर अंग्रेजी और क्षेत्रीय भाषाओं में लिखने सहित अन्य उपायों को अपनाने पर जोर दिया गया है. मंत्रालय ने इस संबंध में गाइडलाइन का पालन करवाने के लिए राज्य के मुख्य सचिव, पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव, इंजीनियर इन चीफ व एनएच सहित अन्य अधिकारियों को निर्देश दिया है. यह व्यवस्था अन्य राज्यों में भी लागू होगी. एक रिपोर्ट के अनुसार 2022 में बिहार में सड़क हादसों से 4928 लोगों की मौत हो गयी थी.
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के निर्देश के मुताबिक डिजाइन किये गये नये साइनेज सभी राजमार्गों, एक्सप्रेस-वे और ग्रीनफील्ड कॉरिडोर पर लगाये जायेंगे. इनके अलावा सड़क पर 20 हजार से अधिक कारों के साथ हाइ ट्रैफिक वाले राजमार्गों में इन दिशा-निर्देशों को प्राथमिकता के आधार पर लागू किया जायेगा. पहले की तरह साइनेज द्वारा पेट्राेल पंप, नजदीकी अस्पताल, होटल व प्रशासन सहित अन्य के बारे में जानकारी दी जायेगी, लेकिन नये साइनेज को नये डिजाइन में तैयार करने से यह दूर से ही चालकों को नजर आ जायेगा.
नयी गाइडलाइन के तहत अब स्पीड लिमिट साइन बोर्ड प्रत्येक पांच किमी की दूरी पर सड़क के किनारों और बीच में बारी-बारी से दोहराया जायेगा. दुर्घटना रोकने और दुर्घटना पीड़ितों को तुरंत मदद के लिए प्रत्येक पांच किमी पर हेल्पलाइन नंबर लिखे बोर्ड लगाये जायेंगे. साइन बोर्ड के दिशा -निर्देश चालकों को जल्दी से समझ में आने के लिए उचित ऊंचाई व दूरी पर रखकर, बड़े अक्षरों और छोटी कहावतों के जरिए लगाये जायेंगे. साथ ही अति महत्वपूर्ण दिशा- निर्देशों से चालकों को अवगत करवाने के लिए लिखित साइन बोर्ड के साथ अब चित्रों का भी प्रयोग किया जायेगा. इसका मकसद कम पढ़े-लिखे लोगों को सड़क संबंधी दिशा-निर्देश आसानी से समझ में आने में मदद करना है. लेन संबंधी नियम का कड़ाई से पालन करवाने पर जोर दिया गया है.