मिथिला मखाना को मिला जीआइ टैग तो यूट्यूब पर फ्री हो गयी नीतू चंद्रा की ये सुपर हिट फिल्म

भोजपुरी मैथिली फिल्म निर्माण कंपनी चंपारण टॉकिज की ओर से एक बड़ी घोषणा की गयी. कंपनी ने अपनी सुपर हिट फिल्म मिथिला मखान को यूट्यूब पर फ्री देखने का ऑफर दे दिया. बिहार की पहचान मिथिला मखान को जैसे ही जीआई टैग मिलने की घोषणा हुई, आम से खास सभी लोगों में खुशी की लहर देखी गयी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 22, 2022 12:16 PM
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पटना. बिहार की पहचान मिथिला मखान को जैसे ही जीआई टैग मिलने की घोषणा हुई, आम से खास सभी लोगों में खुशी की लहर देखी गयी. सभी अपने अपने तरीके से जश्न मनाने लगे. कोई गुलाल उड़ाया तो कोई मिठाइयां बांटने का काम किया. ऐसे में भोजपुरी मैथिली फिल्म निर्माण कंपनी चंपारण टॉकिज की ओर से एक बड़ी घोषणा की गयी. कंपनी ने अपनी सुपर हिट फिल्म मिथिला मखान को यूट्यूब पर फ्री देखने का ऑफर दे दिया.

नीतू चंद्रा ने किया है निर्माण

इस फिल्म की निर्माता अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त फिल्म अभिनेत्री नीतू चंद्रा हैं, जबकि इस फिल्म का निर्देशन किया है उनके भाई नितिन चंद्रा ने. मिथिला मखान को मैथिली सिनेमा के तौर पर पहला राष्ट्रीय पुस्कार मिल चुका है. मैथिली की अब तक की सबसे लोकप्रिय फिल्मों में से एक मिथिला मखान के निर्देशन नितिन चंद्रा ने ट्वीटर पर लिखा है कि “मखाना” के GI टैग भेंटल. इ खुसी में मैथिली क प्रथम राष्ट्रीय पुरस्कृत फिल्म “मिथिला मखान” आइ फ्री क रहल छी. ( “मखाना” को GI टैग मिला. इस खूशी में मैथिली की प्रथम राष्ट्रीय पुरस्कृत फिल्म “मिथिला मखान” आज फ्री कर रहा हूं ).


13 घंटे में देखे हजारों लोग, निर्देशक ने दिया धन्यवाद

नितिन चंद्रा ने एक अन्य ट्वीट में लिखा है कि 13 घंटे में हजारों लोगों ने फ्री में देखा. आप लोगों को धन्यवाद. मुझे आशा है कि लोग हमारी अगली फिल्म “जैक्सन हाल्ट” लोग भुगतान करेंगे और देखेंगे. नितिन चंद्रा अपनी अगली फिल्म को लेकर काफी आशान्वित हैं, लेकिन वो कभी इस फिल्म पर खुलकर बात करना नहीं चाहते.

इसका लाभ हम सबको मिलेगा

नितिन चंद्रा बिहारी और राष्ट्रीय पहचान के मुद्दे पर कहते हैं कि मुझे “मिथिला माखन” का वह दृश्य याद है, जब नायक राजीव टोरंटो में भारत का झंडा देखता है, तो निर्माता होने के बावजूद मेरे रोंगटे खड़े हो गए. इस देशभक्ति फिल्म को देखने के लिए एक अच्छा दिन है. आज मिथिला और बिहार के लोगों की एक बहुत पुरानी मांग पूरी हुई है. हमें हमारी एक पहचान मिली है. इससे केवल इस उद्योग से जुड़े लोगों को ही फायदा नहीं होगा, बल्कि मिथिला की एक अलग प्रकार की ब्रांडिग होगी, जिसका लाभ हम सबको मिलेगा.

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