कैमूर के 108 गांवों में इंटरनेट नहीं होने से मनरेगा का काम 6 माह से ठप, भोजन जुटाने में भी हो रही समस्या
लोगों ने बताया कि मनरेगा योजना बंद होने के कारण भोजन जुटाने में समस्या हो रही है. उन्होंने मांग रखी कि जब तक मोबाइल नेटवर्क एवं इंटरनेट की बहाली नहीं होती है, तब तक पुरानी पद्धति से मनरेगा योजना के तहत कार्य कराया जाये.
देश में डिजिटल इंडिया की बात हो रही है, लेकिन कैमूर जिले के अधौरा प्रखंड के 108 गांवों में न तो टेलीफोन की पहुंच है और न मोबाइल नेटवर्क है. ये गांव पहाड़ियों पर बसे हुए हैं. मोबाइल और इंटरनेट का नेटवर्क न होने की वजह से अब इन गांवों के लोगों के समक्ष ताजा परेशानी यह खड़ी हुई है कि मनरेगा का काम पिछले छह माह से ठप है.
ऑनलाइन करना होता है फोटो अपलोड
दरअसल मनरेगा योजना के तहत कराये जाने वाले कार्यों का प्रतिदिन ऑनलाइन फोटो अपलोड किये जाने का प्रावधान लागू हुआ है. सुबह और शाम में कार्यस्थल का फोटो लेकर इसे अपलोड करना होता है. इसके लिए मोबाइल नेटवर्क एवं इंटरनेट का होना अनिवार्य है.
छह माह पहले तक मनरेगा योजना का काम होता था
कार्यस्थल पर मजदूरों को काम करते हुए ऑनलाइन फोटो अपलोड होने के बाद ही मजदूरों का मस्टर रोल निर्गत हो पाता है और उनका भुगतान होता है. इंटरनेट नहीं होने के कारण अधौरा के 108 गांव में कार्यस्थल का ना ही फोटो अपलोड हो रहा है और ना ही मस्टर रोल बन पा रहा है. छह माह पहले तक मनरेगा योजना का काम होता था.
मजदूरी पर आश्रित प्रखंड की बड़ी आबादी
मालूम हो कि आर्थिक रूप से पिछड़ा अधौरा प्रखंड की आबादी का बड़ा हिस्सा मजदूरी पर आश्रित है. मनरेगा से मिलने वाली मजदूरी जीवन यापन का प्रमुख आधार है.
डीएम से मिले छह मुखिया
सोमवार (24 अप्रैल) को अधौरा प्रखंड के विभिन्न पंचायतों के छह मुखिया कैमूर के डीएम सावन कुमार से मिले और मनरेगा योजना के तहत काम न मिलने की शिकायत की. उन्होंने डीएम को बताया कि अधौरा का पूरा इलाका वन क्षेत्र है. वन्य पदार्थों को भी तोड़ने एवं खरीद-बिक्री पर रोक है. पहाड़ी इलाका होने के कारण खेती भी ना के बराबर होता है और रोजगार का कोई अन्य साधन भी नहीं है.
भोजन जुटाने में भी हो रही समस्या
दिघार के मुखिया भोला नाथ सिंह, सडकी के मुखिया देवलाल सिंह, चेनपुरा के मुखिया धनंजय राम सहित अन्य लोगों ने बताया कि मनरेगा योजना बंद होने के कारण भोजन जुटाने में समस्या हो रही है. उन्होंने मांग रखी कि जब तक मोबाइल नेटवर्क एवं इंटरनेट की बहाली नहीं होती है, तब तक पुरानी पद्धति से मनरेगा योजना के तहत कार्य कराया जाये.
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विभाग से बात करेंगे : डीएम
डीएम सावन कुमार ने कहा कि उक्त मामला हमारे संज्ञान में आया है. मनरेगा के तहत भारत सरकार के स्तर से ही ऐसा प्रावधान किया गया है कि ऑनलाइन कार्य का फोटो अपलोड करने पर मस्टर रोल बनता है जिसके बाद उसके आधार पर भुगतान होता है. ऐसे में क्या हो सकता है, इसके लिए हम विभाग बात करेंगे.