बिहार के मनरेगा मजदूरों को केंद्र का तोहफा, मजदूरी दर में हुआ इजाफा, जानिए अब कितनी मिलेगी दिहाड़ी
बिहार में लगभग आठ प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है. अब तक मनरेगा मजदूर के लिए दैनिक मजदूरी 210 रुपये थी, जो बढ़ा कर 228 रुपये कर दी गयी है. कई राज्य सरकारें मजदूरी के रूप में अपना हिस्सा भी देती हैं.
पटना. केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम के तहत मजदूरी दरों में वृद्धि करने की अधिसूचना जारी की है. जिसके तहत सात रुपये से लेकर 26 रुपये तक मजदूरी में वृद्धि की गयी है. यह संशोधित दर एक अप्रैल से लागू होगी. केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 24 मार्च को महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम के तहत मजदूरी डर में वृद्धि को अधिसूचित किया है.
228 रुपये प्रतिदिन मिलेगी मजदूरी
बिहार में लगभग आठ प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है. अब तक मनरेगा मजदूर के लिए दैनिक मजदूरी 210 रुपये थी, जो बढ़ा कर 228 रुपये कर दी गयी है. कई राज्य सरकारें मजदूरी के रूप में अपना हिस्सा भी देती हैं. हरियाणा में सबसे अधिक मजदूरी 357 रुपये प्रति दिन और मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सबसे कम 221 रुपये है. पिछले साल की तुलना में मजदूरी में सर्वाधिक वृद्धि राजस्थान में दर्ज की गयी है.
बिहार में आठ प्रतिशत की वृद्धि
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा), 2005 की धारा 6(1) के तहत मजदूरी में वृद्धि की यह अधिसूचना जारी की गई है. मनरेगा की इस अधिनियम में कहा गया है कि केंद्र अपने लाभार्थियों के लिए मजदूरी दर अधिसूचना द्वारा निर्धारित कर सकता है. जिसके तहत बिहार में पिछले वर्ष की तुलना में मजदूरी में आठ प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है.
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100 दिन के रोजगार की गारंटी
बिहार में पिछले वर्ष मानरेगा मजदूरों के लिए 210 रुपये प्रतिदिन की मजदूरी तय थी. जिसे संसोधित कर इस वर्ष 228 रुपये कर दिया गया है. कर्नाटक, गोवा, मेघालय और मणिपुर में मनरेगा मजदूरी में सबसे कम प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गयी है. मनरेगा के तहत केंद्र सरकार ग्रामीण परिवारों की साल में कम से कम 100 दिन के रोजगार की गारंटी देता है.