भागलपुर में डॉक्टर की मनमानी के कारण हुई प्रसूता की मौत, एमओ समेत तीन निलंबित, जानें पूरी बात
एक बच्ची को जन्म देने के बाद अफसारा खातून नाम की महिला की स्थिति बिगड़ गयी. खून से लथपथ महिला का रक्तस्राव बंद नहीं हो रहा था. महीला के परिजन डॉक्टर को बुलाने की गुहार लगाते रहे, पर डॉक्टर नहीं आये.
भागलपुर के पीरपैंती रेफरल अस्पताल में गत 30 मार्च को एक बच्ची को जन्म देने के बाद अफसारा खातून नाम की महिला की स्थिति बिगड़ गयी. खून से लथपथ महिला का रक्तस्राव बंद नहीं हो रहा था. महीला दर्द से छटपटा रही थी. महीला के परिजन डॉक्टर को बुलाने की गुहार लगाते रहे, पर डॉक्टर नहीं आये. उन्हें उचित चिकित्सा तो दूर, महिला को रेफर करने के लिए भी चिकित्सक नहीं पहुंचे. आखिरकार महिला ने दम तोड़ दिया था जिसके बाद परिजनों ने 31 मार्च को जम कर हंगामा किया था.
चिकित्सा पदाधिकारी सहित दो नर्सों को किया गया निलंबित
मामले में डीएम ने पीरपैंती रेफरल अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रवि कुमार के खिलाफ आरोप पत्र स्वास्थ्य विभाग को भेजा. इस पर विभाग ने चिकित्सा पदाधिकारी को निलंबित कर दिया है. वहीं जिला स्तर से दो नर्स को निलंबित किया गया है. उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही भी चलेगी. विभाग ने इस पर अलग से निर्देश जारी करने की बात कही है.
अस्पताल से अनुपस्थित रहते हैं चिकित्सा पदाधिकारी
घटना के अगले ही दिन एक अप्रैल को डीएम के निर्देश पर समाचार पत्र में प्रकाशित खबर का सत्यापन करने सिविल सर्जन पीरपैंती रेफरल अस्पताल पहुंचीं थीं. सिविल सर्जन द्वारा की गयी जांच में स्त्री रोग विशेषज्ञ व प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी समेत स्वास्थ्य कर्मियों की गंभीर लापरवाही पायी गयी. जांच में यह पाया गया कि उक्त महिला 30 मार्च को अस्पताल में भर्ती रहने के बावजूद रात में कार्यरत चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रवि कुमार द्वारा एक बार भी स्वयं आकर न देखा गया और न किसी प्रकार का इलाज किया गया. गंभीर स्थिति उत्पन्न होने पर न रेफर किया न इसकी सूचना प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी या सिविल सर्जन को ही दी. इससे यह माना गया है कि डॉ रवि कुमार ड्यूटी पर उपस्थित नहीं थे. वहीं कहलगांव एसडीओ व पीरपैंती बीडीओ ने भी डीएम को सूचित किया कि डॉ रवि कुमार अपने मूल पदस्थापित स्थल अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य, खवासपुर से भी लगातार अनुपस्थित रहते हैं.
मरीज को एसओपी के अनुसार नहीं दी गयी थी सहायता
सिविल सर्जन की जांच में पाया गया कि संबंधित चिकित्सा पदाधिकारी, जीएमएएनएम व महिला चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा मरीज को एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेशनल प्रोटोकॉल) के अनुसार चिकित्सा सहायता नहीं दी गयी. प्रथम दृष्ट्या इलाज में लापरवाही मिली है. इस संबंध में इनके द्वारा समर्पित स्पष्टीकरण असंतोषजनक पाये गये. इसके बाद श्रेणी ए की परिचारिका प्रीति भारती व एएनएम रेखा कुमारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए विभागीय कार्यवाही शुरू कर दी गयी है.
चार डॉक्टर व दो स्वास्थ्यकर्मी का वेतन स्थगित
प्रथम दृष्ट्या लापरवाही के लिए दोषी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सुकेश कुमार, चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रवि कुमार, महिला चिकित्सा पदाधिकारी डॉ नीलम कुमारी व डॉ वीणा भारती समेत एएनएम कुमकुम कुमारी व श्वेत मणि दास से स्पष्टीकरण पूछते हुए अगले आदेश तक वेतन को सिविल सर्जन द्वारा स्थगित किया गया है. वहीं प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक की मनमानी कार्यशैली, स्वास्थ्य कार्यों के प्रति उपेक्षित व्यवहार व सरकारी कार्य में सहयोग नहीं करने के लिए स्पष्टीकरण पूछा गया है और आरोप पत्र गठित किया गया है. जीएमएम प्रियंका कुमारी व एएनएम रेणु लता कुमारी से अस्पताल में आये रोगियों को ससमय भर्ती नहीं करने, बिना चिकित्सक की सलाह के इंतजार कराने और कर्तव्य के प्रति लापरवाही के लिए स्पष्टीकरण पूछते हुए वेतन अवरूद्ध रखने का निर्देश सिविल सर्जन ने दिया है.