बिहार के 28 जिलों में तैनात होगी मोबाइल फॉरेंसिक लैब, मुजफ्फरपुर व भागलपुर में होगी डीएनए यूनिट की स्थापना
जल्द ही सूबे के 28 जिलों में अस्थायी मोबाइल फॉरेंसिक लैब और नौ पुलिस रेंज में स्थायी क्षेत्रीय फॉरेंसिक लैब की स्थापना होगी. इसके लिए आवश्यक भवन निर्माण, उपकरण खरीद और वैज्ञानिकों के बहाली की प्रक्रिया चल रही है.
पटना. साक्ष्यों के वैज्ञानिक विश्लेषण में विधि विज्ञान प्रयोगशाला (फोरेंसिक लैब) की कमी अब रोड़ा नहीं बनेगी. जल्द ही सूबे के 28 जिलों में अस्थायी मोबाइल फॉरेंसिक लैब और नौ पुलिस रेंज में स्थायी क्षेत्रीय फॉरेंसिक लैब की स्थापना होगी. इसके लिए आवश्यक भवन निर्माण, उपकरण खरीद और वैज्ञानिकों के बहाली की प्रक्रिया चल रही है.
क्षेत्रीय फॉरेंसिक लैब की स्थापना को लेकर सरकार की सैद्धांतिक सहमति
शुक्रवार को बिहार पुलिस के एडीजी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने नियमित ब्रीफिंग में बताया कि वर्तमान में पटना, भागलपुर और मुजफ्फरपुर प्रमंडल में स्थायी जबकि गया और पूर्णिया जिले में मोबाइल फॉरेंसिक लैब कार्यरत है. शेष नौ प्रमंडलों शाहाबाद (डेहरी ऑन सोन), मगध (गया), मुंगेर, कोसी (सहरसा), पूर्णिया, दरभंगा, चंपारण (बेतिया) और सारण (छपरा) में क्षेत्रीय फॉरेंसिक लैब की स्थापना को लेकर राज्य सरकार की सैद्धांतिक सहमति प्राप्त है. आवश्यक मापदंड को पूरा करने के लिए भवन निर्माण चल रहा है.
वैज्ञानिकों की बहाली प्रक्रिया भी जल्द
लैबोरेटरी के उपकरणों की खरीद और साक्ष्यों का विश्लेषण करने वाले वैज्ञानिकों की बहाली प्रक्रिया भी जल्द पूरी कर ली जायेगी. इसके साथ ही शेष 28 जिलों में मोबाइल फॉरेंसिक यूनिट की स्थापना को लेकर भी कार्रवाई की जा रही है, ताकि घटनास्थल पर जल्द से जल्द पहुंच कर वैज्ञानिक साक्ष्यों का एकत्रित किया जा सके.
मुजफ्फरपुर और भागलपुर में डीएनए यूनिट की होगी स्थापना
एडीजी मुख्यालय ने बताया कि डीएनए जांच को लेकर पटना में दो यूनिट स्थापित है. जल्द ही इसका विस्तार करते हुए मुजफ्फरपुर और भागलपुर में भी डीएनए की एक-एक यूनिट स्थापित होगी. उन्होंने बताया कि जनवरी से अगस्त 2023 तक बिहार के विभिन्न फॉरेंसिक लैबों को 8523 प्रदर्श जांच को मिले, जिनमें 91 फीसदी यानि 7747 प्रदर्श की जांच पूरी कर ली गयी है. इस अवधि के दौरान एफएसएल की टीम ने 595 मामलों में घटनास्थल पर जाकर वैज्ञानिक साक्ष्य एकत्रित किये.