बिहार: अब जेल के अंदर रहकर गैंग नहीं चला सकेंगे कुख्यात, जैमर की वजह से कैदी नहीं कर सकेंगे फोन पर बात
बिहार के जेल परिसरों से अनधिकृत फोन कॉल पर अब रोक लगेगी. सरकार ने जेलों में ‘हार्मोनियस कॉल ब्लॉकिंग सिस्टम’ के टावर लगाने की तैयारी शुरू कर दी है. गृह विभाग (कारागार) ने यह कदम उठाया है. जिसके तहत सूबे की 15 जेलों में जैमर लगेंगे. जानिए क्यों उठाया गया ये कदम...
बिहार की जेलों में कैद बंदी अब फोन का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे. सूबे की जेलों में जब भी छापेमारी की गयी तो अनेकों कैदियों के पास से मोबाइल फोन जब्त किए गए, जिसका इस्तेमाल वो चोरी-छिपे किया करते थे. यही नहीं, बल्कि जेल के अंदर से ही कई कुख्यात गैंग का संचालन तक करते थे. अंदर कैद कुख्यात के इशारे पर बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया जाता था. हाल में ही अररिया में पत्रकार हत्याकांड में जेल में बंद कुख्यात के द्वारा हत्या की पूरी साजिश रची जाने की बात सामने आयी थी. वहीं अब राज्य सरकार ने जेल परिसरों से अनधिकृत फोन कॉल रोकने के लिए राज्य की सभी 15 जेलों में ‘हार्मोनियस कॉल ब्लॉकिंग सिस्टम’ (एचसीबीएस) का टावर लगाने का निर्णय लिया है.
सभी जेलों में तलाशी बूथ बनाए जाएंगे..
जेल परिसरों से प्रतिबंधित संचार उपकरण (मोबाइल फोन) की बरामदगी जेल प्रशासन के लिए लंबे समय से एक चुनौती रही है. इसे रोकने के लिए कई स्तरों पर प्रयास किये जा रहे हैं.गृह विभाग (कारागार) का जेल और सुधार सेवाएं प्रदेश की जेलों में सुरक्षा प्रणालियों को बढ़ाने पर विशेष ध्यान दे रही है.इस कड़ी में राज्य सरकार ने जेल परिसरों से अनधिकृत फोन कॉल रोकने के लिए राज्य की सभी 15 जेलों में ‘हार्मोनियस कॉल ब्लॉकिंग सिस्टम’ (एचसीबीएस) का टावर लगाने का निर्णय लिया है. वहीं, सभी जेलों में तलाशी बूथ स्थापित करने की योजना को मंजूरी दी गयी है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मोबाइल या प्रतिबंधित वस्तुएं जेल परिसर के अंदर नहीं ले जायी जा सकें.
जेलों में कबतक लग जाएगा जैमर?
गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्वार्थ ने बताया कि राज्य की 15 जेलों में एचसीबीएस टावर लगाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी मिल गयी है. इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया जल्द शुरू की जायेगी. इससे जेल परिसर से अनधिकृत फोन कॉल को रोका जा सकेगा और जेल के अंदर से अनधिकृत तौर पर फोन कॉल करने के किसी भी प्रयास को पकड़ा जा सकेगा.बता दें कि टेंडर की प्रक्रिया पूरी होते ही चार से छह महीने के अंदर इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
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जैमर लगाने के फायदे..
जेलों में बंद दुर्दांत अपराधियों का अब गैंग चलाना पुराने दिन की बात होन वाली है. जेल प्रशासन अब कैदियों के मोबाइल को डब्बा बनाने के लिए हार्मोनियस कॉल ब्लॉकिंग सिस्टम यानी एचसीबीएस टावर लगाने जा रहा है. छह महीने पहले इसके लिए सर्वे हो चुका है. सब कुछ ठीक रहा तो वित्तीय वर्ष के अंत तक एचसीबीएस टावर लग जायेगा. ऐसा माना जा रहा है कि जैमर के लगने से अपराध में काफी हद तक कमी आयेगी. दुर्दांत अपराधी जेल में कैद रहकर गिरोह का संचालन नहीं कर पायेंगे.
क्यों लिया गया यह फैसला..
मोतिहारी सेंट्रल जेल के अधीक्षक बिधु कुमार का कहना है कि जेल के चारों कोने पर हार्मोनियस कॉल ब्लॉकिंग सिस्टम यानी एचसीबीएस टावर लगाने की योजना की स्वीकृति मिली है. अगर जरूरत हुई तो टावर की संख्या बढ़ायी जा सकती है. जेल में कैदियों द्वारा मोबाइल इस्तेमाल व अपराध की योजना की शिकायत पर गृह विभाग ने एचसीबीएस टावर लगाने की स्वीकृति दी है. टावर लगने के बाद जेल में मोबाइल काम नहीं करेगा.
बिहार के इन 15 जेलों में लगेंगे जैमर..
बताते चलें कि राज्य के 15 जेल में टावर लगाने की मंजूरी मिली है. जिन जेलों में टावर लगने वाला है, उसमें मोतिहारी सेंट्रल जेल के अलावा बक्सर सेंट्रल जेल, बेउर सेंट्रल जेल पटना, सेंट्रल जेल मुजफ्फरपुर, सेंट्रल जेल पूर्णिया, शहीद जुब्बा सहनी सेंट्रल जेल भागलपुर, विशेष केंद्रीय कारा भाागलपुर, सेंट्रल जेल गया, जिला कारागार छपरा, जिला कारागार दरभंगा, जिला कारागार सहरसा, जिला कारागार मुंगेर, जिला कारागार फुलवारी शरीफ, उप जेल दानापुर और उप जेल पटना सीटी शामिल है. बिहार सरकार के गृह विभाग के अनुसार, राज्य के जेलों में सुरक्षा प्रणालियों को बढ़ाने व जेल परिसर में प्रतिबंधित संचार उपकरण पर रोक लगाने के लिए यह कदम उठाया गया है.
जेल से अपहरण, रंगदारी, मर्डर तक की रची जाती रही साजिश…
बताते चलें कि बिहार की जेलों में जब भी तलाशी अभियान चलाया गया तो सामान्य से लेकर बाहुबली तक के पास मोबाइल बरामद हो चुके हैं. पूर्व विधायक अनंत सिंह भी बेऊर जेल में मोबाइल का इस्तेमाल करते पकड़े जा चुके हैं. वहीं कई ऐसी आपराधिक घटना सामने आ चुकी है जिसकी साजिश जेल के अंदर से ही कुख्यात ने रची. बाहर उसके गैंग के सदस्य घटना को अंजाम देते हैं. पटना में रियल स्टेट कारोबारी सुनील यादव से साढ़े 3 करोड़ की रंगदारी मांगी गयी थी. उनके मर्डर के लिए 20 लाख की सुपारी की डील की गयी थी. एडवांस दिया जा चुका था. और यह सब साजिश बेऊर जेल में बंद कुख्यात रवि गुप्ता रच रहा था. इसका खुलासा पुलिस ने किया था. ऐसी तमाम घटनाओं पर लगाम लग सकेगा.