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Bihar : गुरुजी जाएं या नहीं, समय से मोबाइल पहुंच जा रहा स्कूल, ऑनलाइन हाजिरी के नाम पर चल रहा खेल

Bihar : ऑनलाइन हाजिरी के नाम पर इन दिनों बिहार के सरकारी स्कूलों में गजब का खेल चल रहा है.

स्कूलों में गुरु जी के ऑनलाइन हाजिरी लगाने में गजब का खेला चल रहा है. यहां ऑनलाइन हाजिरी लगाने के लिए गुरुजी समय से विद्यालय जाएं या ना जाएं, लेकिन गुरु जी का मोबाइल समय से विद्यालय पहुंच जा रहा है. इतना ही नहीं खास बात तो यह है कि विद्यालय जाने के बाद भी गुरुजी एक-दो घंटे विद्यालय में रुकने के बाद विद्यालय बंद होने से पहले ही घर लौट जा रहे हैं, लेकिन गुरु जी का मोबाइल विद्यालय बंद होने तक विद्यालय में ही रह हाजिरी पूरी करता है

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हाजिरी के नाम पर चल रहा खेल

विद्यालय बंद होने के बाद सहयोगी शिक्षक द्वारा अपने मोबाइल से विद्यालय छोड़ने की हाजिरी लगाने के बाद अपने सहयोगी शिक्षक जिनकी मोबाइल लिए हैं उनकी भी हाजिरी लगा दे रहे हैं, मजे की बात है कि यही खेला जिले के अधिकतर विद्यालयों में चल रहा है, लेकिन अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं है.

सरकार के आदेश की उड़ा रहे खिल्ली

दरअसल, सरकार द्वारा विद्यालय शिक्षकों की उपस्थित समय से व शत प्रतिशत हो इसके लिए अपर मुख्य सचिव शिक्षा विभाग द्वारा यह योजना लायी गयी थी कि इ-शिक्षा कोष पर शिक्षकों की ऑनलाइन हाजिरी ली जायेगी. ऑनलाइन हाजिरी शिक्षकों को विद्यालय पहुंचने के बाद लगानी होगी. वहीं, विद्यालय कैंपस के बाहर रहने पर भी शिक्षकों की उपस्थिति विद्यालय से बाहर दर्ज हो जायेगी, जिसे लेकर प्रत्येक दिन समय से शिक्षक विद्यालय में उपस्थित होकर इ-शिक्षा कोष पर ऑनलाइन हाजिरी दर्ज करायेंगे. लेकिन, यह आदेश भी केवल कागजी घोड़ा नजर आ रह है. यहां विद्यालयों में आज भी शिक्षक ना तो समय से जा रहे हैं ना ही समय से विद्यालय छोड़ रहे हैं, अगर इसकी गंभीरता से जांच करायी जाये, तो कई विद्यालयों में इस तरह के मामले उजागर हो सकते हैं.

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प्रिसिंपल ने की जांच तो खुला मामला

कुछ इसी तरह की मामला कुछ दिन पहले कुदरा प्रखंड के एनपीएस मोकरम में देखने को मिला, जहां कार्यरत शिक्षक इमरान राजा विद्यालय में उपस्थित नहीं हुए, लेकिन इ-शिक्षा कोष पर उक्त शिक्षक की ऑनलाइन हाजिरी दर्ज पायी गयी. शिक्षक की ऑनलाइन विद्यालय में उपस्थिति दर्ज होने के बाद विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने जब देखा कि शिक्षक विद्यालय में उपस्थित नहीं हैं, तो प्रधानाध्यापक द्वारा शिक्षक की खोजबीन शुरू की गयी. लेकिन, काफी खोजबीन के दौरान भी शिक्षक विद्यालय में उपस्थित नहीं मिला, तो प्रधानाध्यापक ने उक्त शिक्षक के मोबाइल पर फोन किया गया.

वहीं, शिक्षक द्वारा फोन रिसीव नहीं करने पर विद्यालय के वरीय शिक्षक द्वारा दूसरी बार फोन किया गया, तो शिक्षक ने फोन रिसीव करते ही कहा कि मेरी हाजिरी ऑनलाइन जिला शिक्षा विभाग कार्यालय के ऑफिस से ही लग गयी है और मैं आज विद्यालय में नहीं आऊंगा. इधर, शिक्षक की ऑनलाइन हाजिरी दर्ज होने के बाद भी विद्यालय में उपस्थित नहीं होने पर एनपीएस मोकरम विद्यालय के प्रधानाध्यापक द्वारा जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र भेजकर मार्गदर्शन की मांग की गयी है.

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ऑनलाइन हाजिरी के लिए नये सिम व मोबाइल की खरीदारी

विद्यालय में ऑनलाइन हाजिरी बनाने के लिए जिले के कई शिक्षकों ने नये सिम व नये मोबाइल की खरीदारी कर रखी है, क्योंकि नये सिम से ऑनलाइन हाजिरी लगाने की आइडी बनाने के बाद गुरुजी संबंधित मोबाइल को विद्यालय में ही छोड़ दे रहे हैं व जिस सिम नंबर पर गुरु जी का फोन आना है उसे लेकर घर चले जा रहे हैं. अगर किसी तरह की कोई जरूरत पड़े तो सूचना प्राप्त होने के बाद तत्काल विद्यालय पहुंच जायें, कुछ इसी तरह का खेल मैदानी इलाके से लेकर पहाड़ी इलाकाें में स्थित विद्यालयों में भी धड़ल्ले से जारी है, जिसे देखने वाला शायद कोई नहीं है.

निरीक्षण के बाद विद्यालय छोड़ दे रहे हैं गुरुजी

गौरतलब है कि समय से पहले विद्यालय से गायब होने वाले गुरुजी विद्यालय पहुंचने के बाद मैनुअल रूप से विद्यालय निरीक्षण करने वाले अधिकारियों का विद्यालय में बैठकर एक-दो घंटे तक इंतजार करते हैं और निरीक्षण पदाधिकारी द्वारा विद्यालय जांच करने के बाद जब वे कार्यालय लौट जाते हैं, तो गुरुजी भी बगैर सूचना के विद्यालय से गायब हो जाते हैं. हालांकि, मोबाइल विद्यालय में ही छोड़ देते हैं. इस तरह के मामले की जमीनी हकीकत जानने के लिए प्रभात खबर संवाददाता द्वारा कई शिक्षकों से इस तरह के विद्यालय में चल रहे खेल के बारे में पूछा गया, तो शिक्षकों ने कहा कि इस तरह का खेल एक दो माह से चल रहा है. हालांकि, शिक्षकों ने यह भी कहा कि इस खेल में विद्यालय के प्रधानाध्यापक से लेकर सभी शिक्षक की सहमति रहती है.

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क्या कहते हैं अधिकारी ?

इस संबंध में पूछे जाने पर डीपीओ स्थापना कृष्ण मुरारी गुप्ता ने कहा कि मोबाइल विद्यालय में छोड़ कर शिक्षक गायब हो जा रहे हैं, इस तरह की मामला मेरे संज्ञान में अभी तक नहीं आया है.विद्यालयों की जांच मैनुअल रूप से करने के लिए तेजी लायी जायेगी, अगर कोई भी शिक्षक इस तरह के खेल में शामिल पाये जाते है, तो वेतन कटौती करते हुए उन पर विभागीय कार्रवाई भी की जायेगी.

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