बिहार में फिर चोरी हो गया मोबाइल टावर, कंपनी को दो महीने बाद चला पता, जानें पूरा मामला
बिहार के मुजफ्फरपुर में एक बार फिर से चोरों ने पूरा मोबाइल टावर ही चोरी कर लिया है. बताया जा रहा है कि शहर के न्यू कॉलोनी बालूघाट से जीटीएल कंपनी का मोबाइल टावर और उसके सभी सहायक उपकरणों की चोरी कर ली गयी है.
Bihar Crime News: बिहार के मुजफ्फरपुर में एक बार फिर से चोरों ने पूरा मोबाइल टावर ही चोरी कर लिया है. बताया जा रहा है कि शहर के न्यू कॉलोनी बालूघाट से जीटीएल कंपनी का मोबाइल टावर और उसके सभी सहायक उपकरणों की चोरी कर ली गयी है. चोरी गया मोबाइल टावर पिछले कुछ वर्षों से बंद था. कंपनी की ओर से जब निरीक्षण किया गया, तो मोबाइल टावर और उसके सभी सहायक उपकरण गायब मिले. कंपनी के इंफ्रास्ट्रक्चर टेक्नीशियन दीपक कुमार सिंह ने शनिवार को सिकंदरपुर ओपी के माध्यम से नगर थाने में अज्ञात चोरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी है.
कंपनी ने दर्ज करायी FIR
दर्ज प्राथमिकी में दीपक कुमार सिंह ने बताया है कि वे हथौड़ी थाना क्षेत्र के बेरई के रहने वाले हैं. वे जीटीएल इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड में टेक्नीशियन के पद पर कार्यरत हैं. जीटीएल कंपनी का एक मोबाइल टावर बालूघाट न्यू कॉलोनी में अमितेश कुमार व संतोष कुमार के परिसर में लगा था. यह मोबाइल टावर पिछले कुछ सालों से बंद था. हाल में जब निरीक्षण किया गया, तो मोबाइल टावर गायब मिला है. उसके सहायक उपकरण शेल्टर, जेनरेटर, एसएमपीएस, स्टेबलाइजर एवं अन्य सामान भी चोरी हो गये हैं. इसकी कीमत 4.72 लाख रुपये है. नगर थानेदार श्रीराम सिंह का कहना है कि ओपी प्रभारी के माध्यम से आये आवेदन पर थाने में प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
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क्या कहते हैं अधिकारी
ओपी प्रभारी देव व्रत कुमार ने कहा कि मोबाइल टावर से चोरी होने की घटना दो माह से अधिक पुरानी है. वरीय पदाधिकारी के आदेश पर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. प्रारंभिक जांच में स्मैकियरों की करतूत लग रही है. विशेष जांच के बाद पूरा मामला स्पष्ट हो पायेगा.
श्रमजीवी नगर से भी मोबाइल टावर की हुई थी चोरी
शहर में जीटीएल कंपनी के मोबाइल टावर की चोरी की दूसरी घटना सामने आयी है. इससे पहले गत 14 अप्रैल को कंपनी के अधिकारी शाहनवाज ने प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इसमें बताया था कि श्रमजीवी नगर की मनीषा कुमारी के आवासीय परिसर में एक जीटीएल इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने मोबाइल टावर लगाया था. यह टावर कुछ दिनों से बंद था. निरीक्षण के दौरान जब वे वहां पहुंचे, तो टावर नहीं था. इसके अलावा शेल्टर, डीजल जेनरेटर, एसएमपीएफ, स्टेबलाइजर आदि कुछ भी नहीं था. इनकी कीमत करीब साढ़े चार लाख रुपये है.