Bihar News: बिहार के सभी जिला अस्पतालों में मरीजों को बिना किसी रुकावट के सेवा देने के लिए पहली बार मॉडल ड्यूटी रोस्टर तैयार की गयी है. इसके अनुसार अब हर चिकित्सक को सप्ताह में 48 घंटे की न्यूनतम ड्यूटी करना अनिवार्य कर दी गयी है. ओपीडी, भर्ती मरीज, इमरजेंसी ओपीडी और लेबर रूम की रोस्टर ड्यूटी के अनुसार काम करना है. विभाग की ओर से इसी रोस्टर ड्यूटी के आधार पर सेवाओं की मॉनीटरिंग होगी. सरकार ने सिटीजन चार्टर के तहत रोस्टर तैयार किया है. इसका डिस्प्ले भी बोर्ड पर किया जाना है.
मॉडल ड्यूटी रोस्टर जारी..
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत के निर्देश के बाद तैयार जिला अस्पतालों की मॉडल रोस्टर ड्यूटी को सिविल सर्जन और जिला अस्पतालों के अधीक्षक व उपाधीक्षकों को भेज दी गयी है. जिला अस्पतालों में इमरजेंसी सेवा को तीन शिफ्टों में बांट दिया गया है. मॉर्निंग शिफ्ट आठ बजे से दोपहर दो बजे, इवनिंग शिफ्ट दोपहर दो बजे से रात के आठ बजे और रात्रिकालीन शिफ्ट रात आठ बजे से सुबह आठ बजे तक होगी. इसी प्रकार से तीन शिफ्ट में लेबर रूम का भी संचालन होगा. जिला अस्पताल के अधीक्षक को तीनों शिफ्ट में चिकित्सकों की तैनाती करनी है और उसका रिकॉर्ड भी रखना है.
डॉक्टरों की ड्यूटी को लेकर निर्देश जारी..
विशेषज्ञ चिकित्सकों को सप्ताह में कम से कम दो दिन ओपीडी और दो दिन ऑपरेशन थियेटर में सेवा देनी है. किसी भी मरीज को दोपहर एक बजे के पहले डिस्चार्ज करना है. इसमें जांच की सेवाओं को भी शिफ्ट में बांटा गया है. इमरजेंसी में जांच और दवा की सुविधा 24 घंटे तीन शिफ्ट में संचालित होगी. रविवार और अवकाश के दिन इमरजेंसी सेवा के लिए ऑनकॉल मैनपावर को तैनात किया जाना है.
मरीजों के रजिस्ट्रेशन का समय
मरीजों के रजिस्ट्रेशन का समय भी दो शिफ्ट सुबह और शाम तय किया गया है. जिला अस्पतालों को पहला मॉडल रोस्टर फार्मेट में कुल डॉक्टरों की संख्या दर्ज की जानी है. इन चिकित्सकों का नाम, मोबाइल नंबर, किस दिन किस डॉक्टर की ड्यूटी लगी, का चार्ट तैयार किया जाना है. इसी प्रकार से इमरजेंसी में किस डॉक्टर की किस शिफ्ट में ड्यूटी लगायी गयी है, इसका भी चार्ट तैयार किया जायेगा.
पीजी छात्र तीन माह तक करेंगे सदर अस्पताल में काम
राज्य के सभी सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेज जहां पीजी की पढ़ाई हो रही है. वहां के छात्र-छात्राओं को सदर अस्पतालों में जिला रेसिडेंसी कार्यक्रम के तहत हर दूसरे सत्र में तीन माह के लिए सेवा देना अनिवार्य कर दिया गया है. इन्हें तीन शिफ्ट में काम करना होगा. ऐसे में सदर अस्पतालों में रात में भी इनकी डयूटी रहेगी. तीन माह पूरा होने के बाद सिविल सर्जन इन्हें विरमित करेंगे और प्रमाण पत्र मिलेगा. पीएमसीएच के 84 और आजीआइएमएस 47 छात्रछात्राओं को सदर अस्पतालों में ड्यूटी लगायी गयी है. अन्य मेडिकल कॉलेज भी संबंधित सदर अस्पतालों में पीजी के छात्रों को भेज रहे हैं.