बिहार के सभी जिलों में बनेंगे मॉडल स्कूल, सिमुलतला विद्यालय के तर्ज पर होगा निर्माण
शिक्षा मंत्री ने कहा कि डिजिटल माध्यम से विद्यालयों की रियल टाइम मॉनीटरिंग की जा रही है. इसके लिये मोबाइल एप बेस्ड डिजिटल तकनीक से विकसित किया गया है. शिक्षकों की उपस्थिति मॉनीटरिंग के लिए बॉयोमीटरिक एटेंडेंस की व्यवस्था की जाएगी.
पटना. बिहार के शिक्षा मंत्री डॉ चंद्रशेखर ने कहा कि सिमुलतला के तर्ज पर राज्य के प्रत्येक जिले में मॉडल आवासीय विद्यालय बनाने की योजना है. वहीं, प्रत्येक जिले के के अच्छे उच्च माध्यमिक विद्यालयों में से 85 उच्च माध्यमिक विद्यालयों को मॉडल आवासीय विद्यालय के रूप में विकसित किया जायेगा. इसके चयन की जिम्मेदारी बिहार शिक्षा परियोजना और एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल स्टडी द्वारा संयुक्त रूप से दी गयी है. इसके लिए नेतरहाट के अनुभवी और सिमुलतला विद्यालय की स्थापना काल से जुडे़ शिक्षाविदों के सहयोग लिये जायेंगे. उनकी सलाह के अनुसार कार्य योजना बनायी जायेगी. आरटीइ एक्ट के तहत प्रदेश के सभी प्राइवेट विद्यालयों को भी जोड़ा जायेगा.
विद्यालयों की रियल टाइम मॉनीटरिंग
शिक्षा मंत्री ने कहा कि डिजिटल माध्यम से विद्यालयों की रियल टाइम मॉनीटरिंग की जा रही है. इसके लिये मोबाइल एप बेस्ड डिजिटल तकनीक से विकसित किया गया है. शिक्षकों की उपस्थिति मॉनीटरिंग के लिए बॉयोमीटरिक एटेंडेंस की व्यवस्था की जाएगी. वहीं, छात्रों और शिक्षकों की उपस्थिति का अनुश्रवण करने, विद्यालयों की जांच का अद्यतन लेखा–जोखा रखने के लिए इ–शिक्षा कोश नामक पोर्टल निर्माणाधीन है, जिसे वर्ष 2023–24 में प्रारंभ कर दिया जायेगा.
सभी विश्वविद्यालयों के प्री पीएचडी प्रवेश परीक्षा संयुक्त एवं एकीकृत रूप होगी
शिक्षा मंत्री ने कहा कि शोधकार्य और बिहार के विश्वविद्यालयों में शोधकार्य की गुणवत्ता को बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य स्तरीय फैलोशिप देने का प्रस्ताव भी सरकार के विचाराधीन है. आने वाले दिनों में राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के प्रीपीएचडी प्रवेश परीक्षा संयुक्त एवं एकीकृत रूप से करायी जायेगी. सरकार इस योजना पर काम कर रही है.
Also Read: NMCH से लापता डॉक्टर संजय कुमार के मामले में पुलिस के हाथ अब भी खाली, जानिए अब तक क्या हुआ
विदेश में पढ़ने के लिए भी मिलेगी स्काॅलरशिप
स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत देश व राज्य की नामचीन पेशेवर शिक्षा देने वाले संस्थानों के लिए दी जाने वाली राशि की सीमा में बढ़ोतरी होगी. वहीं, विदेश में पढ़ने जाने वाले सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक रूप से कमजोर छात्र-छात्रओं को विशेष छात्रवृत्ति भी देने का प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन है. बिहार के वैसे बच्चे जो विदेशों के उच्च संस्थाओं में नामांकन कराना चाहते हैं, के लिए विदेश अध्ययन हेतु छात्र ऋण की व्यवस्था कराने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जा रही है.