पटना. राजस्व कर्मियों की मनमानी को खत्म करने के लिए सरकार की सभी 534 अंचलों में आधुनिक अभिलेखागार (एमआरआर) स्थापित करने की योजना परवान चढ़ने लगी है. 267 अंचलों में जल्दी यह ही एमआरआर काम करने लगेंगे. एसओपी तैयार कर ली गयी है.
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने दो चरणों की इस योजना को पूरा करने के लिए 4298.7 लाख का बजट भी जारी कर दिया है. प्रत्येक अभिलेखागार सह डाटा सेंटर में 16 लाख के उपकरण खरीदे गये हैं.
सभी 534 अंचलों में आधुनिक अभिलेखागार-सह-डाटा सेंटर भवन बनाने का कार्य किया जा रहा है. 436 अंचलों में भवन बन गया है. प्रत्येक अभिलेखागार में चार कंप्यूटर, प्रिंटर, स्कैनर आदि उपकरण लगाये जायेंगे. यहां पूरा काम सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में होगा. अभिलेखागारों में अंचल स्तर पर सृजित होने वाले अभिलेख आदि को संरक्षित रखा जायेगा. दस्तावेजों की डिजिटल (स्कैन) कॉपी भी रिकॉर्ड में रहेगी.
राज्य में भूमि से संबंधित दस्तावेजों के रखरखाव की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. कोर्ट केस से जुड़े दस्तावेजों की स्थिति भी खराब है. नये रिकाॅर्ड रूम में अंचल के महत्वपूर्ण वादों से संबंधित अभिलेख और संचिकाओं को क्रमवार रखा जायेगा. अभिलेख के साथ भविष्य में छेड़छाड़ ना हो इसके लिए जिन वादों में फैसला हो जायेगा उन वादों के निर्णयों को स्कैनिंग कर अभिलेखागार में रखे जाने से पूर्व अभिलेख को संबंधित लिपिक, प्रधान लिपिक और सीओ द्वारा सत्यापित किया जायेगा.
सूचनाओं को डाटा सेंटर से तुरंत प्राप्त किया जा सकेगा. आम आदमी भी शुल्क देकर निश्चित समय के अंदर इसकी सेवा ले सकेगा. रजिस्टर टू , खतियान आदि सभी राजस्व दस्तावेज की कॉपी अभिलेखागारों से हासिल करने के लिए आवेदक को 10 से 50 रुपये के बीच शुल्क देना होगा. जीरो साइज के पेपर पर उपलब्ध होनेवाला मानचित्र भी इन अभिलेखागारों के जरिए उपलब्ध होगा. हालांकि, इसके लिए 150 रुपये प्रति शीट की दर से शुल्क देना होगा.
आधुनिक अभिलेखागार (एमआरआर ) को तुरंत एक्टिव करने के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग 534 डाटा इंट्री ऑपरेटरों की नियुक्ति बेल्ट्रॉन के जरिये करने जा रहा है. हाेली के बाद बेल्ट्रॉन के एमडी को पत्र लिखा जायेगा. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने कहा कि तत्काल काम शुरू करने के लिए बेल्ट्रॉन से कर्मी की मांग की गयी है.
बीएसएससी से नियमित बहाली होने तक डाटा इंट्री ऑपरेटरों के लिए बेल्ट्रॉन को ही कहा जायेगा. अभिलेखागार सीओ के नियंत्रण में काम करेगा. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री रामसूरत कुमार ने कहा कि आधुनिक अभिलेखागारों के जरिए जमीन के दस्तावेजों को संरक्षित करना संभव होगा. इन दस्तावेजों को मामूली शुल्क पर उपलब्ध कराया जायेगा. इससे भूमि संबंधी विवादों में कमी आयेगी.
Posted by Ashish Jha