8 Years Of Seva : बिहार बना पर्यटकों की पहली पसंद, पर्यटन से जुड़ी 47 केंद्रीय योजनाओं का कार्य हुआ पूरा
8 Years Of Seva : केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद बिहार के पर्यटन उद्योग को नयी ऊंचाई मिली है. पिछले आठ वर्षों में मोदी सरकार ने बिहार में पर्यटन ये जुड़ी करीब 50 ऐसी योजनाओं को पूरा कर लिया है, जिससे पर्यटकों की संख्या में बढोतरी दर्ज हुई है.
पटना. केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद बिहार के पर्यटन उद्योग को नयी ऊंचाई मिली है. पिछले आठ वर्षों में मोदी सरकार ने बिहार में पर्यटन ये जुड़ी करीब 50 ऐसी योजनाओं को पूरा कर लिया है, जिससे पर्यटकों की संख्या में बढोतरी दर्ज हुई है. बिहार में पर्यटन के विकास में मोदी सरकार ने सड़क, हवाई सेवा और अन्य आधारभूत संरचनाओं के विकास में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है. इस संबंध में बिहार सरकार के पर्यटन मंत्री भी स्वीकार करते हैं कि बिहार में पर्यटन से जुड़ी 47 केंद्रीय योजनाओं तथा 245 राज्य योजनाओं का कार्य पूर्ण किया गया है.
47 योजनाओं का कार्य पूर्ण किया गया
पर्यटन मंत्री ने बताया कि केन्द्र की योजना के अंतर्गत उनके विभाग द्वारा 47 योजनाओं का कार्य पूर्ण किया गया है, जिसमें प्रसाद योजना के तहत पटना साहेब का विकास, जैन परिपथ के अन्तर्गत वैशाली एवं राजगीर में संबंधित स्थलों का विकास, कावरिया परिपथ के अन्तर्गत बांका एवं मुंगेर जिले के स्थलों का विकास इत्यादि शामिल है. राज्य योजनान्तर्गत 245 योजना का कार्य पूर्ण किया गया है. इसमें राजगीर एवं बांका में रोप-वे कार्य, पटना में बहुद्देशीय प्रकाश पुंज का निर्माण, राजगीर में पांडू पोखर एवं घोड़ा कटोरा का विकास, भोजपुर जिले में वीर कुंवर सिंह विजय स्तंभ का निर्माण इत्यादि शामिल है.
16 योजनाओं का कार्यान्वयन प्रगति पर
उन्होंने कहा कि केन्द्र योजनान्तर्गत मुख्यतः 16 योजनाओं का कार्यान्वयन प्रगति पर है, जिसमें स्वदेश दर्शन योजना अन्तर्गत मंदार एवं अंग प्रदेश का विकास, गाँधी परिपथ का विकास इत्यादि शामिल है. वहीं राज्य योजना अन्तर्गत मुख्यतः 37 योजनाओं का कार्य प्रगति पर है. उसमें पटना जिलान्तर्गत कम्युनिटी हॉल, मालसलामी, पटना सिटी का निर्माण, रोहतास जिलान्तर्गत ताराचंडी मंदिर का विकास तथा रोहतासगढ़ एवं माँ मुण्डेश्वरी धाम, कैमूर में रोप-वे का निर्माण इत्यादि शामिल है.
पर्यटकों की संख्या में 50% की वृद्धि
मोदी सरकार से मिल रही मदद के कारण ही पर्यटन के क्षेत्र में बिहार पिछले कुछ वर्षों से लगातार आगे बढ़ रहा है. 2014 के मुकाबले यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में 50% की वृद्धि हो चुकी है. वर्ष 2014 में यहां आनेवाले पर्यटकों की संख्या 2.33 करोड़ थी, जो कि वर्ष 2019 में बढ़ कर 3.50 करोड़ हो गयी. इस दौरान देसी पर्यटकों की संख्या में 50% वृद्धि हुई. यह 2.25 करोड़ से बढ़कर 3.39 करोड़ हो गयी.
विदेशी पर्यटकों की संख्या में 31% का इजाफा
वहीं, विदेशी पर्यटकों की संख्या में 31% का इजाफा हुआ है और यह 8.3 लाख से बढ़कर 10.9 लाख हो गयी है. 2018 में घरेलू पर्यटकों को आकर्षित करने में बिहार का 14वां स्थान और विदेशी पर्यटकों के लिहाज से नौवां स्थान था. पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य में आठ परिपथ बनाये गये हैं. वर्ष 2020-21 में राज्य के पर्यटन विकास की विभिन्न योजनाओं पर 145 करोड़ रुपये खर्च किये गये, लेकिन कोरोना काल में कार्य की गति प्रभावित हुई.
राज्य के पर्यटन परिपथ
-
बौद्ध परिपथ
-
जैन परिपथ
-
रामायण परिपथ
-
शिव शक्ति परिपथ
-
सूफी परिपथ
-
सिख परिपथ
-
गांधी परिपथ
-
पारिस्थितिकी परिपथ
अभी ये हैं चुनौतियां
-
पर्यटन स्थलों पर लग्जरी होटल की कमी
-
एक्सप्रेस हाइवे की कमी
-
चीनी, जापानी, कोरियन जैसे बहुभाषाविद् टूरिस्ट गाइड की कमी
-
अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट और ग्लोबल एयर कनेक्टिविटी की कमी
बांका में मंदार रोपवे व ओढ़नी जलाशय बने आकर्षण के केंद्र
बांका जिले में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. यहां मंदार रोपवे, ओढ़नी जलाशय, बदुआ डैम, भदरिया स्थित बौद्धकालीन स्थल व चांदन जलाशय सहित अन्य जगहों को पर्यटन के रूप में विकसित किया जा रहा है. इसी प्रकार ओढ़नी जलाशय को इको टूरिज्म के रूप में विकसित किया जायेगा. वहीं अमरपुर के भदरिया गांव स्थित चांदन नदी में निकले में बौद्धकालीन अवशेष की खुदाई की बात भी कही.
चांदन जलाशय
60 के दशक में सिंचाई के लिए बनाया गया चांदन जलाशय इन दिनों सैलानियों को आकर्षित कर रहा है. बौसी बाजार से 23 किमी दूर जंगलों से घिरा यह डैम प्राकृतिक सौंदर्य का अनूठा उदाहरण है. इन दिनों यहां बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षियों ने भी डेरा डाल रखा है. यहां पर सिंचाई विभाग ने सौंदर्यीकरण के कार्य के साथ-साथ पार्क, आइबी व अन्य चीजों का निर्माण कराया गया है.
बिहार में पर्यटकों की संख्या
वर्ष देशी विदेशी कुल
-
2014 2.25 करोड़ 8.3 लाख 2.33 करोड़
-
2015 2.80 करोड़ 9.2 लाख 2.89 करोड़
-
2016 2.85 करोड़ 9.2 लाख 2.89 करोड़
-
2017 3.24 करोड़ 10.8 लाख 3.35 करोड़
-
2018 3.36 करोड़ 10.9 लाख 3.47 करोड़
-
2019 3.39 करोड़ 10.9 लाख 3.50 करोड़