बिहार में लालू यादव से डर रहे नरेंद्र मोदी…, समन पर बोली राबड़ी देवी- न हम डरेंगे और न ही भागेंगे

बिहार विधानसभा में बजट सत्र चल रहा है, जहां सत्र के दूसरे दिन बिहार विधान परिषद पहुंची राबड़ी देवी ने नौकरी के बदले जमीन मामले में भेजे गए समन पर कहा कि लालू परिवार को हमेशा नोटिस मिलता रहता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 28, 2023 6:34 PM
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जमीन के बदले नौकरी मामले में सोमवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने राजद सुप्रीमो और तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और मीसा भारती समेत 14 लोगों को समन जारी किया है. मामले में सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल कर दिया है. इस मामले में सभी आरोपियों को 15 मार्च को कोर्ट में जारी होना है. समन जारी होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी का बयान सामने आया है. राबड़ी देवी ने कहा कि उन्हें (पीएम मोदी ) को बिहार में लालू जी से डर है, इसलिए हमें बांधना चाहते हैं. लेकिन, हम न बंधने वाले हैं और न भागने वाले हैं. 30 साल से हमें परेशान किया जा रहा है, हम झेल ही रहे हैं आगे भी झेलेंगे.

न हम डरेंगे और न ही भागेंगे

बिहार विधानसभा में बजट सत्र चल रहा है, जहां सत्र के दूसरे दिन बिहार विधान परिषद पहुंची राबड़ी देवी ने नौकरी के बदले जमीन मामले में भेजे गए समन पर कहा कि लालू परिवार को हमेशा नोटिस मिलता रहता है. अब तो नोटिस भेजने का सिलसिला ऐसा हो गया है कि पेट में जो बच्चा है उसे भी नोटिस भेज दिया जाता है. राबड़ी देवी ने कहा कि कुछ लोग तो देश छोड़ कर भाग जाते हैं. लेकिन हम लोग इस नोटिस से न डरने वाले हैं और न ही भागने वाले. हम लोग नीरव मोदी जैसे नहीं हैं. उन्होंने कहा कि मोदी सब को भगा रहे हैं, नीरव मोदी को भी भगाए हैं.

क्या है जमीन के बदले नौकरी का मामला 

लालू यादव पर आरोप लगाया गया है कि यूपीए की सरकार में रेल मंत्री रहते हुए उन्होंने कई लोगों को रेलवे ग्रुप डी में नौकरी दी थी और उनसे अपने परिवार के लोगों के नाम पर जमीनें लिखवा लीं. लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती के नाम पर इन प्लॉट्स की रजिस्ट्री कराई गई है और इन जमीन के लिए नकद में मामूली कीमत चुकाई गई. सीबीआई की तरफ से दावा किया गया है कि पटना में तीन सेल डीड लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी के नाम है. साथ ही पटना में दो गिफ्ट डीड लालू यादव की बेटी हेमा यादव के नाम पर भी है. सीबीआई का कहना है की पटना के रहने वाले 12 लोगों को रेलवे के 6 अलग अलग-अलग जोन में ग्रुप डी की नौकरी दी गई थी. पहले इन लोगों को सब्स्टिट्यूट पर रखा गया और बाद में इन्हें रेग्यूलर कर दिया.

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