मोहन भागवत ने बिहार में संघ को शाखा बढ़ाने का दिया लक्ष्य, मंदिर और श्मशान में किसी तरह के भेदभाव रोकने पर जोर
आरएसएस के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल के उत्तर-पूर्व क्षेत्र की दो दिवसीय बैठक का समापन सत्र
पटना. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघसंचालक डॉ मोहन भागवन ने कहा कि स्वरोजगार, आत्मनिर्भरता और स्वावलंबन के आधार पर सेवा कार्य को स्वयंसेवक आगे बढ़ाएं.
वे आरएसएस के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल के उत्तर-पूर्व क्षेत्र की दो दिवसीय बैठक के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने सभी को प्रेरित करते हुए कहा कि स्वयंसेवकों को सामाजिक समरसता एवं पर्यावरण जैसे विषयों पर सजग एवं सक्रिय रहने की जरूरत है.
इस समाज में मंदिर, जलस्रोत और श्मशान सभी वर्ग के लिए एक हो. हमारा समाज एक परिवार है. इसलिए किसी के प्रति कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए.
पर्यावरण को सुरक्षित रखकर ही हम अपने भविष्य को संरक्षित कर सकते हैं. जल संरक्षण, जल प्रबंधन, जल का अपव्यय, पौधारोपण एवं प्लास्टिक के उपयोग पर पाबंदी जैसे जागरूकता अभियान चलाने पर भी बल दिया गया.
इस दो दिवसीय बैठक में सामाजिक समरसता, परिवार प्रबोधन, पर्यावरण, जल संरक्षण और कोरोना कालखंड में संघ के स्वयंसेवकों की तरफ से किये गये सेवा कार्य की चर्चा और समीक्षा की गयी. बैठक में शाखा विस्तार और दृढ़ीकरण पर भी चर्चा की गयी.
पटना सिटी के मिरचा-मिरची स्थित केशव सरस्वती विद्या मंदिर में आयोजित बैठक में तमाम विषयों पर विस्तार से चर्चा की गयी.
इस बैठक में प्लास्टिक का उपयोग रोकने के लिए भी जोर दिया गया. कोरोना कालखंड के कारण बदले हुए परिवेश में स्वयंसेवकों का आह्वान किया गया कि वे अधिक जिम्मेदारी के साथ कार्य करें.
Posted by Ashish Jha