बिहार उपचुनाव: मोकामा सीट पर पिछले 18 सालों से अनंत सिंह का कब्जा, 7 दशक का रिकॉर्ड भाजपा के लिए चैलेंज

बिहार उपचुनाव: मोकामा में पिछले 18 साल से बाहुबली अनंत सिंह का कब्जा रहा है. वहीं बिहार में सियासी उलटफेर के बाद अब इस बार का चुनाव बेहद दिलचस्प हो गया है. पिछले 7 दशक का रिकॉर्ड भाजपा के लिए एक चुनौती से कम नहीं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 25, 2022 1:59 PM

Bihar Upchunav 2022 : मोकामा विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है. इस सीट पर राजद के बाहुबली नेता अनंत सिंह का दबदबा रहा है. वो पिछले 18 सालों से इस सीट पर कब्जा जमाए हुए हैं. अब AK-47 मामले में जेल में बंद अनंत सिंह की जब विधानसभा सदस्यता खत्म हो गयी है तो उपचुनाव हो रहा है. बिहार में सियासी उलटफेर के बाद अब जदयू और राजद एक हैं. महागठबंधन ने अनंत सिंह की पत्नी को ही उम्मीदवार बनाया है. इसके पीछे की बड़ी वजह जानें…

ललन सिंह की पत्नी सोनम देवी भाजपा उम्मीदवार

मोकामा विधानसभा उपचुनाव 2022 बेहद दिलचस्प होने की संभावना है. यहां दो बाहुबलियों की पत्नी आमने-सामने है. राजद ने अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी को टिकट थमाया है तो भाजपा ने अनंत सिंह के खिलाफ ताल ठोकते रहने वाले ललन सिंह की पत्नी सोनम देवी को प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा है. मोकामा की सियासत में अनंत सिंह का सिक्का चलता है. जहां उन्हें लोग छोटे सरकार के नाम से जानते हैं. ये बातें तब सही साबित होती है जब इतिहास का पन्ना इस सीट का पलटा जाए.

अनंत सिंह 18 सालों से मोकामा के विधायक रहे

अनंत सिंह 18 सालों से मोकामा के विधायक रहे हैं. इस दौरान उन्होंने कभी राजद तो कभी जदयू का दामन थामा. तो कभी वो निर्दलीय भी मैदान में उतरे. लेकिन हरबार उन्हें जीत ही मिली. यहां तक कि विधानसभा चुनाव 2020 में वो जेल में ही बंद थे लेकिन जीत ही दर्ज की. उधर भाजपा इस सीट पर 27 साल बाद प्रत्याशी मैदान में उतार रही है.

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27 साल बाद भाजपा प्रत्याशी मैदान में

1995 में भाजपा ने आखिरी बार प्रमोद कुमार सिंह को उम्मीदवार बनाकर मैदान में उतारा था. उसके बाद से अभी तक बीजेपी ने गठबंधन के तहत दूसरे घटक दल को ही ये सीट सौंपा है. अब जदयू भाजपा से अलग है जिसके बाद इस सीट पर बीजेपी उम्मीदवार उतरीं है.

सात दशक से इस सीट पर कांग्रेस और जनता दल का कब्जा

बता दें कि सात दशक से इस सीट पर कांग्रेस और जनता दल से जुड़े विधायकों का ही कब्जा रहा है. 1990 तक इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा. 1990 से 2000 तक यहां जदयू के दिलीप सिंह विधायक रहे. 2000 में निर्दलीय उम्मीदवार बनकर सूरजभान सिंह ने जीत दर्ज की. उसके बाद से अनंत सिंह का ही इस सीट पर लगातार कब्जा रहा है. वर्तमान भाजपा प्रत्याशी भी अनंत सिंह से पहले हार चुकी हैं.

Posted By: Thakur Shaktilochan

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