Good News: ऑनलाइन माध्यम से की जायेगी सड़कों की मॉनिटरिंग, जर्जर सड़कों का तुरंत होगा मरम्मत
सड़क की मॉनिटरिंग के लिए टेक्नोलॉजी का सहारा लिया जा रहा है, जहां सड़क की हालत को ऑनलाइन देखा जायेगा. इतना ही नहीं इसी के आधार पर गलत कार्य करने वाले संवेदक पर कार्रवाई भी होगी.
मधेपुरा. सड़कों की देखभाल और उसके मॉनिटरिंग के लिए बिहार सरकार ने एक नई पहल की शुरुआत करते हुए कंट्रोल एंड कमांड सेंटर तैयार किया है. इस सेंटर की मदद से सड़कों पर नजर रखी जायेगी. बताया जाता है कि सड़क की मॉनिटरिंग के लिए टेक्नोलॉजी का सहारा लिया जा रहा है, जहां सड़क की हालत को ऑनलाइन देखा जायेगा. इतना ही नहीं इसी के आधार पर गलत कार्य करने वाले संवेदक पर कार्रवाई भी होगी.
एप की मदद से किया जायेगा
जानकारी के अनुसार इस काम को एक एप की मदद से किया जायेगा. इसके लिए अभियंताओं को ट्रेनिंग भी दी जा रही है. इतना ही नहीं इसमें इंजीनियरों की निगरानी भी ऑनलाइन की जायेगी. इसके सिस्टम के तहत सड़क पर पेड़ बढ़ने, व्हाइट लाइन मिटने तक की स्थिति पर भी नजर रखी जायेगी. इसकी मदद से हर शिकायत दूर की जायेगी. बताया जाता है कि इस कमांड कंट्रोल सेंटर के निर्माण के बाद तीन दिन से लेकर एक महीने के अंदर टूटी-फूटी सड़कों को बनाने से लेकर अन्य समस्याओं का समाधान भी किया जायेगा. सड़क निर्माण विभाग के द्वारा बेहतर रोड व्यवस्था के लिए रोड मेंटेनेंस एप्लीकेशन तथा मुख्यालय स्थित कंट्रोल एंड कमांड सेंटर शुरू किया गया है. यह एप्लीकेशन सभी एंड्राइड स्मार्टफोन पर स्पोर्ट करेगा.
निगरानी के बाद सुधरेगी सड़कों की हालत
ग्रामीण सड़कों के मरम्मत की निगरानी अब ऑनलाइन होगी. विभाग ने इसके लिए अनुरक्षण मोबाइल एप लांच किया है. विभागीय नीति के तहत जिन सड़कों की मरम्मत हो रही है, अब इसी अनुरक्षण एप के तहत उसकी ऑनलाइन निगरानी होगी. ठेकेदारों को भुगतान भी इसी एप पर अपलोड किये गये तस्वीरों के आधार पर किया जायेगा. अब तक की व्यवस्था में सड़क मरम्मत की रिपोर्ट कागजी प्रक्रिया में होती थी. संवेदक की ओर से सड़क मरम्मत के बाद कनीय अभियंता उसकी रिपोर्ट सहायक अभियंता को दिया करते थे. इसके बाद सहायक व कार्यपालक अभियंता की मंजूरी मिलने पर एजेंसियों को पैसे का भुगतान किया जाता था, लेकिन यह प्रक्रिया पारदर्शी नहीं थी.
अक्सर शिकायत मिल रही थी
अक्सर यह शिकायत मिल रही थी कि इंजीनियरों की मिलीभगत से एजेंसी बिना उपयुक्त मरम्मत किये ही राशि का भुगतान करा लेते थे. लोगों की शिकायत के बाद हुई विभागीय जांच में कई स्थानों पर यह मामला सही पाया गया. इसे देखते हुए ही बिहार सरकार ने एप लांच किया है. इस एप पर मरम्मत होने वाली सड़कों की तस्वीर अपलोड करनी होगी. सड़क के शुरूआती छोर के बाद एप ही बतायेगा कि अगली तस्वीर कितनी दूरी पर अपलोड करनी है.
80 से कम अंक मिले तो उनकी राशि काट ली जायेगी.
इंजीनियर अपनी मर्जी से सड़क की तस्वीर अपलोड नहीं कर सकते. ऐसे में अगर तय दूरी पर सड़क की मरम्मत सही तरीके से नहीं की गयी तो संवेदकों के अंक काट लिए जायेंगे. सभी मानकों के आधार पर अगर एजेंसी को 80 से कम अंक मिले तो उनकी राशि काट ली जायेगी. एप पर तस्वीर अपलोड करने की जिम्मेदारी कनीय अभियंता की है. इसकी मंजूरी सहायक व कार्यपालक अभियंता देंगे. इसके बाद एजेंसियों को राशि भुगतान कर दी जायेगी.