20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार में 27-28 से फिर जोर पकड़ेगा मॉनसून, 30 जुलाई तक हर हाल में कर दें धान की रोपनी

बिहार में 27-28 जुलाई से एक बार फिर दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के जोर पकड़ने के आसार बन रहे हैं. बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का क्षेत्र बन रहा है और चक्रवाती सिस्टम विकसित हो रहा है. इससे बिहार को एक बार फिर अच्छी बारिश की आस बंधी है.

पटना. बिहार में 27-28 जुलाई से एक बार फिर दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के जोर पकड़ने के आसार बन रहे हैं. बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का क्षेत्र बन रहा है और चक्रवाती सिस्टम विकसित हो रहा है. इससे बिहार को एक बार फिर अच्छी बारिश की आस बंधी है. हालांकि, अगले तीन दिन किसी तरह का मौसमी सिस्टम या ट्रफ लाइन बिहार के ऊपर से या इसके आसपास से नहीं गुजर रही है. इससे तापमान में जबरदस्त इजाफे की संभावना है.

शुक्रवार को बिहार में मात्र 1.3 मिलीमीटर बारिश हुई है. अब तक बिहार में 542.5 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है. मौसम विज्ञानियों के मुताबिक , बंगाल की खाड़ी के उत्तरी भाग के ऊपर चक्रवाती हवा का क्षेत्र बना हुआ है. अगले दो-तीन दिनों में वह निम्न दबाव क्षेत्र में बदल जायेगा. लिहाजा यह तटवर्ती क्षेत्र में माॅनसून को सक्रिय करने में सक्षम होगा.

इसके प्रभाव से पश्चिम बंगाल, ओड़िशा, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ से आगे तक कुछ हिस्सों में अच्छी-खासी मात्रा में बारिश होने के आसार बन रहे हैं. दूसरी ओर म्यांमार के ऊपर बने मौसमी सिस्टम का असर बंगाल की खाड़ी में भी हो सकता है. इससे वहां 26 जुलाई तक निम्न दबाव क्षेत्र बनने की उम्मीद है.

दरअसल, ये दोनों सिस्टम 27 या 28 जुलाई तक बांग्लादेश और उससे सटे पश्चिम बंगाल के ऊपर डिप्रेशन को और भी प्रभावशाली बना सकता है. इसकी वजह से लगभग पूरे देश में बारिश होने की पूरी संभावना है.

दरअसल, जुलाई में अब तक ट्रफ लाइन का सिरा बिहार से शिफ्ट हो चुका है. पूरे उत्तर भारत में भी कमोबेश यही स्थिति है. उत्तरी भारत में केवल उत्तरप्रदेश और बिहार ही राज्य ऐसे हैं, जहां अभी सामान्य से अधिक बारिश हुई है. शेष राज्यों से मॉनसून कमोबेश रूठा हुआ है.

30 जुलाई तक हर हाल में कर दें धान की रोपनी

डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, समस्तीपुर के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डॉ ए सत्तार ने कहा कि मॉनसून एक बार फिर सक्रिय होगा. उम्मीद है कि 27 से 28 जुलाई से एक बार फिर बिहार में अच्छी बारिश होगी.

इस परिदृश्य में किसानों को धान की रोपनी हर हाल में 30 जुलाई से पहले कर दें. अगर वे ऐसा नहीं करेंगे, तो धान की न केवल उत्पादकता प्रभावित होगी, बल्कि उसके दाने पर भी नकारात्मक असर पड़ेगा. दरअसल, कम समयावधि और मौसमी दशाओं की वजह से ऐसा होगा. जुलाई के बाद धान की रोपनी नुकसानदायक साबित होगी.

Posted by Ashish Jha

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें