बिहार में निष्क्रिय हुआ मॉनसून, अभी चार दिनों तक तेज बारिश के आसार नहीं, उमस और गर्मी करेगी परेशान

बिहार में निष्क्रिय मॉनसून को सक्रिय करने के लिए जरूरी भौगोलिक दशाएं न होने की वजह से बिहार में तेज बारिश नहीं हो रही है. आगामी चार दिन तेज बारिश होने की संभावना नहीं है.वहीं पटना में सोमवार की रात हल्कि बारिश हुई है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 12, 2022 7:13 AM

पटना. बिहार में निष्क्रिय मॉनसून को सक्रिय करने के लिए जरूरी भौगोलिक दशाएं न होने की वजह से बिहार में तेज बारिश नहीं हो रही है. आगामी चार दिन तेज बारिश होने की संभावना नहीं है.वहीं पटना में सोमवार की रात हल्कि बारिश हुई है.

सामान्य से 33 फीसदी कम बारिश

आइएमडी रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में अभी तक सामान्य से 33 फीसदी कम बारिश हुई है. कम बारिश होने का यह आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. पूसा के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डॉ गुलाब सिंह ने बताया कि मॉनसून को सक्रिय करने के लिए न कम दबाव का क्षेत्र बन पा रहा है और न ट्रफ लाइन ही बिहार की तरफ आकर्षित हो रही है.

केवल 192 मिलीमीटर बारिश हो सकी

वह मध्य और दक्षिण क्षेत्र में ज्यादा प्रभावी है. इन सभी वजहों से बिहार में बरसात नहीं हो पा रही है. हालांकि कभी कभार स्थानीय मौसमी दशाओं की वजह से आंशिक तौर पर बारिश हो पा रही है. पूर्वानुमान के मुताबिक उत्तरपश्चिम , दक्षिण-पूर्व और दक्षिण मध्य के बीच एक-दो स्थानों पर हल्की बारिश की आशंका है. आइएमडी के मुताबिक बिहार में अभी तक केवल 192 मिलीमीटर बारिश हो सकी है.

शुष्‍क मौसम जैसी स्थिति

भारतीय मौसम विभाग के ताजा पूर्वानुमान के अनुसार, बिहार में फिलहाल अच्‍छी बारिश होने के आसार नहीं हैं. मौसम विज्ञानियों का कहना है कि प्रदेश में फिलहाल 14 जुलाई तक अच्‍छी बारिश के आसार नहीं हैं. शुरुआती दौर में प्रदेश के विभिन्‍न हिस्‍सों में अच्‍छी बारिश रिकॉर्ड की गई, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, मानसून की रफ्तार कम होती गई. इससे शुष्‍क मौसम जैसी स्थिति पैदा हो गई है.

खेती पर दिखेगा असर

यदि समय रहते अच्‍छी बारिश नहीं हुई तो खेतीबारी भी बुरी तरह से प्रभावित हो सकती है. खासकर धान की खेती काफी हद तक मानसूनी बारिश पर ही निर्भर है. ऐसे में अच्‍छी बारिश नहीं होने से किसानों की समस्‍याएं बढ़ने लगी हैं. फिलहाल धान का बिचरा लगाया गया है, लेकिन बारिश न होने की वजह से उस पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है. यदि आने वाले समय में अच्‍छी बारिश नहीं हुई तो धान के बिचरे के बर्बाद होने की आशंका भी बढ़ जाएगी.

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