बिहार में मानसून की बारिश को अल-नीनो देगा झटका? जानिए मौसम विभाग से क्या जानकारी आयी सामने…

Bihar Weather Update: बिहार में मानसून (Monsoon In Bihar) जून में दस्तक देने वाली है. इससे पहले ही एक निराश करने वाली जानकारी सामने आयी है. बारिश इस बार कैसी होगी और किसानों के लिए क्यों निराश करने वाली खबर सामने आयी है...

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 21, 2023 5:19 AM

Bihar Weather Update: बिहार में मानसून (Monsoon In Bihar) की एंट्री से पहले ही एक निराशाजनक जानकारी सामने आयी है. एक तरफ जहां भीषण गर्मी के बीच लोगों को बेसब्री से मानसून 2023 का इंतजार है तो वहीं मौसम को लेकर अब बड़ा अपडेट आ गया है. किसानों को भी इस जानकारी से निराश होना पड़ सकता है. दरसअल, मानसून अगले ही महीने जून में भारत में दस्तक देगा. केरल के तट पर इसकी एंट्री होगी और ताजा जानकारी के अनुसार, दक्षिण-पश्चिमी मानसून शुक्रवार को अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के नानकोवरी द्वीप पर दस्तक दे चुका है. बिहार में मानसून का इंतार कर रहे लोगों को अल-नीनो (el nino effect) की वजह से निराश होना पड़ सकता है.

मानसून की स्थिति

मौसम विभाग के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में स्थित अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के दक्षिणी हिस्से में मानसून (Monsoon News) सही समय पर आ चुका है. ये धीरे-धीरे आगे बढ़ेगा. केरल के तटीय हिस्से में मानसून सामान्य तारीख 1 जून के दो दिनों के बाद 4 जून को दस्तक दे सकता है. बता दें कि भारत में मानसून सबसे पहले केरल में ही दस्तक देता है. वहीं बुरी खबर ये है कि इस दौरान अल-नीनो की परिस्थितियों का पैदा होना शुरू हो गया है. यह स्थिति जून से सितंबर तक चार महीने भारतीय मानसून के लिए प्रतिकूल साबित होती है.

किसानों की बढ़ेगी चिंता?

इस बार मानसून के दौरान सामान्य बारिश (Monsoon ki barish) ही पड़ेगी. वहीं जुलाई के बाद मानसून पर अलनीनो का प्रभाव पड़ सकता है. इस आशंका ने चिंता बढ़ाई है. मौसम मामलों के जानकार बताते हैं कि अल-नीनो कृषि क्षेत्र के लिए चिंता का विषय है. किसान मानसून की बारिश का इंतजार करते हैं और फसल उत्पादन के लिए मानसून की बारिश पर निर्भर रहते हैं.

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अल-नीनो के कारण क्या होता है?

अल-नीनो के कारण तापमान गर्म होता है. जबकि ला नीना के कारण तापमान ठंडा होता है. प्रशांत महासागर में असामान्य तरीके से गर्म पानी की मौजूदगी में जलवायु प्रभाव को अल नीनो कहते हैं. इस दौरान मध्य और भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में सतह का पानी गर्म होता है और पूर्व से पश्चिम की ओर प्रवाहित होने वाल हवा इससे कमजोर पड़ती है. ला नीना इसके विपरित है और उससे दुनियाभर का तापमान ठंडा होता है जबकि अल नीनो से गर्म.

Published By: Thakur Shaktilochan

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