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बिहार में बारिश के बाद धान की रोपनी ने पकड़ी रफ्तार, किसानों के खिले चहरे, जानें कैसे होगा फायदा

Bihar News: बिहार में बारिश के बाद धान की रोपनी ने रफ्तार पकड़ ली है. रोपनी पिछले साल के बराबर तक पहुंच चुकी है. इसके बाद किसानों को अच्छी फसल की उम्मीद जगी है.

Bihar News: बिहार में बारिश हो रही है. इसके बाद धान की रोपनी ने रफ्तार पकड़ ली है. राज्यभर में रोपनी की रफ्तार तेज हो चुकी है. लक्ष्य के 78 प्रतिशत तक रोपनी हो चुकी है. बता दें कि यह पिछले साल के बराबर है. वहीं, साल 2022 तक अगस्त 14 तक 80 प्रतिशत तक रोपनी हुई थी. इस साल जून और जुलाई तक 48 प्रतिशत तक बारिश कम हुई थी. कम बारिश से सबसे अधिक दक्षिण बिहार के जिले प्रभावित रहे थे. अब बारिश के रफ्तार पकड़ने के बाद धान की रोपनी ने भी रफ्तार पकड़ ली है.

धान की रोपनी बढ़ने का अनुमान

धान की रोपनी पिछले साल के बराबर पहुंच गई है. कृषि विभाग के अनुमान के अनुसार 15 अगस्त तक रोपनी और बढ़ेगी. दूसरी ओर भागलपुर जिले के प्रमंडल में रोपनी लक्ष्य से अभी भी बहुत पीछे है. बुधवार तक यहां 28 फीसदी रोपनी हुई है. यही कारण है कि इधर मक्का की खेती अधिक होती है. यहां कई जगहों पर मक्का और केले की खेती होती है. बारिश नहीं होने के कारण अधिकतर किसानों ने यहां मक्का लगा दिया है. कृषि विभाग के विहान एप पर रोपनी के आकड़े को प्रतिदिन अपडेट किया जा रहा है. दूसरी ओर कृषि अधिकारी भी रोपनी का जायजा लेने जा रहे है. इस कारण भी रोपनी का सही आकड़ा सामने आ रहा है.

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पटना में 83 प्रतिशत धान की रोपनी 

रोपनी का जायजा लेने कृषि विभाग के अधिकारी गांव- गांव तक पहुंच रहे हैं. प्रमंडस सतर पर अधिकारियों की टीम का गठन किया गया है. सिंचाई का भी ध्यान रखा जा रहा है, ताकि किसानों को किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े. राजधानी पटना में 83 प्रतिशत तक धान की रोपनी हुई है.

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पूर्णिया में 102 फीसदी धान की रोपनी

बिहार में बारिश सामान्य की ओर तेजी से बढ़ रही है. मंगलवार-बुधवार के बीच बिहार में औसतन 48 मिलीमीटर बारिश हुई. यह इस सीजन की एक दिन में सर्वाधिक बारिश है. बिहार में बुधवार तक 391.5 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है. अब यह सामान्य से केवल 32% कम है. आइएमडी के पूर्वानुमान के मुताबिक बिहार में बारिश का दौर जारी रहेगा. मानसून किसानों की चिंताओं को समेटता जा रहा है. पूर्णिया में रिकॉर्ड 102 फीसदी धान की रोपनी हुई है. मुंगेर में सबसे कम 41.39 प्रतिशत रोपनी हो सकी है. गोपालगंज, सारण, सहरसा, मोतिहारी , शिवहर और सीतामढ़ी में 58 से 99% तक बारिश कम हुई है. बांका व मुंगेर प्रमंडल में धान की खेती बर्बाद हुई है.

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धान की खेती में लगातार वृद्धि जारी

कृषि विभाग के अनुसार राज्य में धान की खेती में लगातार वृद्धि हो रही है. कृषि विभाग के मुताबिक, पूर्णिया प्रमंडल में सबसे अधिक 102 फीसदी धान की रोपनी हो चुकी है. सहरसा प्रमंडल में 97 फीसदी, तिरहुत में 87 तथा पटना प्रमंडल में 79.39 फीसदी धान की रोपनी हो चुकी है. मुंगेर प्रमंडल में सबसे कम 41.39, मगध में 44.5 फीसदी ही धान की रोपनी अब तक हुई है. पटना प्रमंडल में सबसे कम नालंदा जिले में 50.68 फीसदी धान की रोपनी हो सकी है. वर्तमान में मुंगेर व बांका में धान की रोपनी की स्थिति काफी खराब है. राज्य में अब तक 75.24 फीसदी धान की रोपनी हो चुकी है. घान की खेती के रफ्तार पकड़ने से उन किसानों को फायदा होगा, जिनकी फसल बर्बाद हो रही थी. कम बारिश से किसानों को नुकसान था. लेकिन, अब खेती अधिक या सामान्य होने से किसानों को नुकसान नहीं होगा.

छह जिलों में 99 फीसदी तक कम बारिश

गोपालगंज, सारण, सहरसा, मोतिहारी, शिवहर और सीतामढ़ी में धान रोपनी की स्थिति ठीक नहीं है. कृषि विभाग के अनुसार, इन छह जिलों में 58 से 99 फीसदी तक कम बारिश हुई है. वहीं, पूरे राज्य में सामान्य से 39 फीसदी कम बारिश हुई है. कम बारिश की स्थिति को देखते हुए कृषि विभाग की ओर से राज्य के नौ जिलों में 4590 क्विंटल मक्का बीज का नि:शुल्क वितरण किया गया है. इनमें बांका, जमुई, मुंगेर, गया लखीसराय नवादा, नालंदा, भागलपुर और शेखपुरा शामिल हैं.

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