बिहार विधानमंडल के मॉनसून सत्र में सिर्फ एक दिन हुआ पूरा कामकाज, चार दिनों में तीन घंटे चली विधानसभा
बिहार विधानसभा में माॅनसून सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार को भी भारी हंगामा हुआ. पांच दिनों के मॉनसून सत्र के दौरान सिर्फ एक दिन ही पूरा कामकाज हो सका. वहीं बाकी के चार दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया. पूरे सत्र में कुल 1255 मिनट कामकाज होना था, लेकिन मात्र 445 मिनट ही सदन की कार्यवाही चली.
पटना. पांच दिनों के विधानमंडल का माॅनसून सत्र का अधिकतर समय हंगामे की भेंट चढ़ गया. विधानसभा में सिर्फ एक दिन गुरुवार को पूरे दिन विधायकी कामकाज हुए, जबकि पहले दिन 10 जुलाई से आखिरी दिन तक अधिकतर समय हंगामा और शोर शराबे में बीत गया. विधानसभा में पांच दिनों के दौरान कुल 1255 मिनट कामकाज होना था, लेकिन मात्र 445 मिनट ही सदन की कार्यवाही चली. उपरि सदन में विधानसभा की तुलना में थोड़ा और भी कम समय तक सदस्य सदन में मौजूद रह पाये. यहां पांच दिनों में दो सौ मिनट से भी कम ही कामकाज हो पाया.
आपको सुनने की नहीं, कूदने की आदत है
विधान परिषद की दूसरी पाली में अनुपूरक बजट पर दो-चार मिनट बोलने के लिए महेश्वर सिंह ने सभापति देवेश चंद्र ठाकुर से अनुमति मांगी. इस पर राजद के सुनील कुमार सिंह उनको टोकने लगे. इस पर महेश्वर सिंह ने सुनील सिंह से कहा कि आपको सुनने की नहीं, कूदने की आदत है. यह सुन सभी सदस्य हंसने लगे. इस पर सभापति ने महेश्वर सिंह से कहा कि यदि वे सुनील सिंह से उलझेंगे, तो दो-चार मिनट यूं ही बीत जायेगा. महेश्वर सिंह ने सुनील कुमार सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि लोग कहीं जाकर मिठाई खा आते हैं. चादर भी ओढ़ा आते हैं. इस पर सुनील कुमार सिंह ने सभापति से महेश्वर सिंह के बारे में कहा कि हुजूर ये तीन बार विधायक हुए. तीनों बार तीन दल से हुए. इस हास-परिहास में सभी सदस्य हंसने लगे. महेश्वर सिंह ने अपने भाषण में जब नेपाल के किनारे सड़क निर्माण का जिक्र किया, तो वित्त मंत्री विजय कुमार चाैधरी ने अपने भाषण के दौरान महेश्वर सिंह से कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कह रहे थे कि उन्होंने मोतिहारी जिले से लेकर उनके गांव -घर तक सड़क बनवा दी है.
सत्र के आखिरी दिन पहली पाली में महज चार मिनट चली विधानसभा
विधानसभा में माॅनसून सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार को भी भारी हंगामा हुआ. भाजपा के सदस्यों के भारी विरोध और हंगामे के कारण पहली पाली में ंसदन की कार्यवाही महज चार मिनट बाद ही भोजनावकाश तक के लिए सथगित कर दी गयी. सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही लालगंज के भाजपा विधायक संजय सिंह लाठीचार्ज का विरोध करने के लिए रिपोर्टर टेबल फुर्ती से चढ़े और खड़े हो गये. टेबल पर खड़ा रह कर वह अपना कुर्ता उतारने लगे. सदन के बाहर उन्होंने बताया कि वे विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी को दिखाना चाहते थे कि गुरुवार को भाजपा विधायकों पर किस तरह से लाठीचार्ज किया गया है. उसकी निशानी उनके पीठ पर अभी तक बनी हुई है. हालांकि, चंद मिनट में वह टेबल से नीचे उतर कर वेल में हंगामा करने लगे.
भाजपा विधायक संजय सिंह को किया गया मार्शल आउट
इधर, विधानसभा अध्यक्ष ने उनके आचरण को देखते हुए उन्हें मार्शल आउट करने का आदेश दिया. मार्शलों ने संजय सिंह को उठा कर सदन के बाहर कर दिया. संजय सिंह के मार्शल आउट होने के बाद भाजपा विधायक अधिक आक्रामक तरीके से वेल में खड़े होकर लाठीचार्ज का विरोध करने लगे. सभी भाजपा विधायक वेल में खड़े होकर काला गमछा लहराते रहे. सदन को ऑर्डर में नहीं आते देख विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहार चौधरी ने विधानसभा की पहली पाली की कार्यवाही को दो बजे दिन तक के लिए स्थगित कर दिया. सदन की कार्यवाही समाप्त होने के बाद भी कुछ भाजपा विधायक वेल में खड़े रहकर ट्रेजरी बेंच को कोसते रहे.
विधान परिषद भी चली 11 मिनट
विधान परिषद में भी भाजपा सदस्यों ने पहली पारी में नारेबाजी के साथ हंगामा किया. विपक्ष के सारे सदस्य एक साथ वेल में पहुंचे. आसन के बेहद करीब पहुंच कर नारेबाजी की. परिषद के सचिव ने नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी से आसन से थोड़ा पीछे हटने का आग्रह किया. जिसे नेता प्रतिपक्ष ने स्वीकार कर लिया. भाजपा सदस्यों का कहना था कि 13 जुलाई को शांतिपूर्ण मार्च कर रहे भाजपा कार्यकर्ता एवं नेताओं पर बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज किया गया है. इस अमानवीय मसले पर सदन में चर्चा की जाये.
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भाजपा एमएलसी ने उठाया मार्च के रूट बदलने का मुद्दा
कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा के एमएलसी दिलीप जायसवाल ने यह मामला उठाते हुए कहा कि गांधी मैदान से शुरू हुए मार्च का रूट सुनियोजित तौर पर बदला गया. रेडियो स्टेशन से जुड़े संकरे मार्ग से मार्च करने के लिए कहा गया. जायसवाल ने कहा कि लाठीचार्ज के बाद सरकार के एक मंत्री ने ट्वीट कर कहा कि बदला लिया है. इस कार्यवाही में जहानाबाद भाजपा के जिला महामंत्री की मौत भी हो गयी है.
लाठीचार्ज कमर से ऊपर के हिस्सों पर किये गये : सम्राट चौधरी
इसके बाद नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि लाठीचार्ज कमर से ऊपर के हिस्सों पर किये गये. भाजपा कार्यकर्ताओं को आतंकी तरह समझा गया. हमारा मार्च शांतिपूर्ण था.उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच की जाये. हमें उनकी मौत से जुड़ा वीडियो उपलब्ध कराया जाये. हम जांच करायेंगे. इस मौत के लिए उन्होंने पुलिस की कार्यवाही को जिम्मेदार ठहराया है. पुलिस की कार्यवाही के विरोध में विपक्षी सदस्यों ने शेम-शेम के नारे भी लगाये. जदयू सदस्य नीरज कुमार ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता की मौत दुखद है,लेकिन इसके लिए भाजपा दोषी है. वह अपने कार्यकर्ता का इलाज नहीं करा सकी. कांग्रेस सदस्य प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि भाजपा के उन कार्यकर्ताओं पर कार्यवाही होनी चाहिए, जिन्होंने पुलिस की आंखों में मिर्च पाउडर डाली. हंगामे के बीच दोपहर तक के लिए परिषद की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया.
किस दिन कितने देर चली कार्यवाही
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दिन-विस-विप
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10 जुलाई-20 मिनट-15 मिनट
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11 जुलाई-11 मिनट-45 मिनट
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12 जुलाई-35 मिनट-40 मिनट
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13 जुलाई-255 मिनट-30 मिनट
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14 जुलाई-124 मिनट-58 मिनट