Monu Chavanni Encounter: उत्तर प्रदेश के जौनपुर में एसटीएफ और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हुई. जिसमें बिहार का इनामी बदमाश सुमित सिंह उर्फ मोनू चवन्नी ढेर हो गया है. मोनू चवन्नी पर एक लाख का इनाम घोषित किया गया था. मुठभेड़ में मारे गए बदमाश मोनू के पास से एके-47, एक 9-एमएम पिस्टल, बोलेरो जीप और भारी मात्रा में कारतूस बरामद किए गए हैं.
मूल रूप से मऊ का रहने वाला सुमित उर्फ मोनू फिलहाल बिहार में रह रहा था. यहीं पर अपना साम्राज्य स्थापित किया था. वह वहां शहाबुद्दीन के गैंग के लिए काम करता था.
मंगलवार को तड़के जनपथ जौनपुर के थाना बदलापुर क्षेत्र में यूपी एसटीएफ और 3 बदमाशों के बीच मुठभेड़ हुई. जिसमें यूपी एसटीएफ ने जवाबी कार्रवाई में मऊ निवासी बदमाश सुमित सिंह उर्फ मोनू को मार गिराया. इसके बाद उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.
मोनू चवन्नी के ऊपर 24 मामले दर्ज थे
बदमाश सुमित सिंह उर्फ मोनू शातिर अपराधी था. वह एक हिस्ट्री शीटर से अपनी पहचान बनाया था. उस पर 24 से ज्यादा मामले दर्ज थे. यूपी एसटीएफ के जाबाज अफसर डीके शाही की टीम के साथ मंगलवार 2 जुलाई को उसकी मुठभेड़ हो गई. दोनों तरफ से चल रहे ताबड़तोड़ फायरिंग में बदमाश मोनू ढेर हो गया.
जबकि, उसके दो साथी भागने में सफल रहे. पुलिस उन दोनों की भी तलाश में जुटी है. उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की कई टीमें जगह-जगह छापेमारी कर रही है. पुलिस का कहना है कि जल्द ही उन दोनों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
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श्रीकांत भारती हत्या से जुड़ा है नाम (shrikant bharti murder)
बिहार के सिवान जिले में 23 नवंबर 2014 को भाजपा सांसद के प्रतिनिधि और सर्राफ श्रीकांत भारती की हत्या हुई थी जिसमें मोनू शूटर का नाम आया था. पुलिस के मुताबिक, मोनू सुपारी किलर की तरह काम कर रहा था. साल 2014 में ही उसने बलिया में एक कारोबारी और उसके बेटे की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इसके अलावा भी उसने कई खौफनाक वारदातों को अंजाम दिया है.
3 केस में 3 वर्ष से फरार चल रहे इनामी बदमाश मुन्ना नोएडा से गिरफ्तार
बेगूसराय का कुख्यात अपराधी मुन्नीलाल उर्फ मुन्ना राय (Munna Ray Arrest) पर एक लाख का इनाम घोषित था. गिरफ्तारी के डर से आरोपित दिल्ली-एनसीआर में अपना असली नाम छिपाकर मनीष के नाम से रह रहा था. आरोपी की उम्र करीब 45 वर्ष बताई जा रही है जो हाईस्कूल पास है.
वर्ष 2013 में अवैध हथियार रखने के आरोप में बेगूसराय पुलिस ने जेल भेजा था. एक माह बाद जेल से छूटा था. उसके बाद भी कई छोटी आपराधिक घटनाओं को अंजाम देते रहा. बता दें कि 23 फरवरी 2021 में जमीन की रंजिश को लेकर पड़ोसी शत्रुधन पासवान की गोली मारकर हत्या कर दी थी.
शराब मामले में की हत्या
इसके बाद वर्ष 2022 में शराब बेचने को लेकर हुए विवाद में पिंटू नामक व्यक्ति की हत्या कर दी थी. तब से आरोपित फरार चल रहा था. आरोपित को गिरफ्तार करने के बाद एसटीएफ नोएडा की टीम ने एसटीएफ बिहार की टीम को सौंप दिया है.