पटना. राज्य के तीन जिले गया, वैशाली और पूर्वी चंपारण बाल श्रमिकों के मामले में संवेदनशील पाये गये हैं. इन तीनों जिलों में दूसरे जिलों की तलना में सबसे अधिक बाल मजदूरों का मामला सामने आया है. श्रम विभाग की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. सरकार ने बाल मजदूरों मुक्त कराने के लिए कठोर कदम उठाये हैं. साथ ही मुक्त हुए बाल मजदूरों के पुनर्वास के लिए मुख्यमंत्री राहत की स्थापना भी की गयी है. इसके बावजूद बाल मजदूरों की संख्या राज्यभर में अधिक है.
श्रम संसाधन विभाग के आंकड़ों को देखें तो 2020-21 में 466 बाल मजदूरों को रेस्क्यू किया गया. इसमें गया से 76, वैशाली 50 और पूर्वी चंपारण से 45 बच्चों को मुक्त कराया गया है.अब विभाग ने इस रिपोर्ट की समीक्षा करने के बाद इन जिलों के जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि यहां बाल मजदूरी पर अंकुश लगाने के लिए कार्रवाई की जाये.साथ ही,बाकी जिलों को भी इस संबंध में दिशा-निर्देश भेजा गया है.
विभाग ने गया, वैशाली , पूर्वी चंपारण, सीवान, भोजपुर, बक्सर, रोहतास बांका,किशनगंज, पटना में जागरूकता अभियान तेज करने का निर्देश दिया है. सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, नवादा , किशनगंज और सारण में आवासीय प्रशिक्षण केंद्र खुलेगा.
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पटना —- 100
जमुई —- 72
बांका —- 78
गया —- 54
वर्ष —– संख्या
2016-17 —– 410
2017-18 —– 967
2018-19 —– 1045
2019-20 —– 750
2020-21 —– 466
2021-22 —– 345