पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचार और मार्ग से दूरी रखने वाले लोगों को देश और समाज के लिए अनुपयोगी और अयोग्य करार दिया है. ऐसे लोगों की राष्ट्रभक्ति पर भी सवाल खड़ा किया है. विधान परिषद में उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की भावना को नहीं मानता है हम (सीएम) उसे हिन्दुस्तानी भी नहीं मानते हैं. वह भारतीय तो है ही नहीं. वो काबिल भी नहीं है. महाअयोग्य और महापापी है. बापू ने जो-जो बात कही है हम उसको घर- घर तक पहुंचा रहे हैं.
नीतीश कुमार बुधवार को सदन में पेश बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद (संशोधन) विधयेक – 2022 में राजद के सदस्य सुनील कुमार सिंह द्वारा दिये गये सुझाव पर आपत्ति प्रकट करते हुए बोल रहे थे. सीएम की अपील पर विधेयक सदन में सर्वसम्माति से पारित हो गया. विपक्ष (राजद) ने इसे ऐतिहासिक बताया है. सुनील कुमार ने शराब बंदी लागू होने के बाद शराब पीने के आरोप में जेलों में बंद अति पिछड़े, दलित और अनुसूचित जाति के गरीब लोगों को बिना शर्त रिहा करने की मांग कर रहे थे.
सीएम ने कहा कि जहरीली शराब पीकर मरने वालों से राहत देने की सोचना भी नहीं चाहिए. 2018 तक एक करोड़ 74 लाख लोगों ने शराब छोड़ी. अभी सर्वे और करा रहे हैं. बहुत लोगों ने शराब छोड़ी है लेकिन जब शराब पीजियेगा गड़बड़ करेंगे तो दोष किसका है. राज्य में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या न्यूनतम है. जिन राज्यों में शराब बंदी नहीं हैं वहां कितने लोग मरते है. बिहार में जब शराबबंदी नहीं थी तब शराब पीकर मरने वालों की संख्या कितनी थी, यह ठीक से जान लीजियेगा.
शराबबंदी कानून को प्रभावी बनाने और गड़बड़ करने वालों पर तेजी से कार्रवाई के लिए संशोधन विधेयक लाये हैं. शराब छोड़ने के बाद परिवार में आने वाली खुशहाली और महिलाओं से मिले फीडबैक का जिक्र करते हुए सीएम ने कहा कि कोई राज्य शराब बंदी करेगा तो राजस्व को जितना नुकसान से अधिक लाभ होगा. सब्जी खूब बकेगी. स्वास्थ्य पर खर्च कम होगा. हमने जब शराबबंदी की उस समय राजस्व पांच हजार करोड़ था. लेकिन हमने इसे बंद किया. बिहार में शराबबंदी को देखने कई राज्यों की टीम आयी. वापस लौटने के बाद टीम ने कहा कि बहुत अच्छे ढंग से कानून को लागू किया गया है. बिहार में सर्वसम्मति से शराबबंदी लागू होने की बात भी याद दिलाते हुए आग्रह किया कि संशोधन विधेयक भी सर्वसम्मति से पारित किया जाये.
शराबबंदी के बाद भी शराब मिलने की घटनाओं, पुलिस की मिलिभगत और निगरानी तंत्र विफल होने की बात करने वालों को सीख दी कि कोई गड़बड़ी करता है तो उसकी प्राइवेटली सूचना दें. उनकी पहचान गुप्त रखी जायेगी. हम लोग पूरी कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कुछ लोग गड़बड़ी करते ही हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बात सही है कि कुछ आदमी तो गड़बड़ है ही. इसमें सरकारी कर्मी और पुलिस वाला भी है. शराब माफियाओं से पुलिस की मिलीभगत वाली बात सही है. हम लोग क्षेत्र में भ्रमण कर रहे हैं. इस दौरान उनको (सीएम) महिलाओं ने इसकी जानकारी दी है. अब सब चीजों में संशोधन हो रहा है. अभियान चला रहे हैं ताकि गड़बड़ी रुके. लोगों से आग्रह करेंगे कि भाई शराब मत पीओ. दुनिया में एक साल में जितने लोग मरते हैं उनमें 5.3 फीसदी लोग शराब से मरते हैं. सरकार के स्तर पर अब तक हुई कार्रवाई, जागरुकता आदि की भी जानकारी दी.
1. पहली बार कम मात्रा में शराब के साथ पकड़ी जाने वाली गाड़ी खासकर छोटी गाड़ी को जब्त करने के बजाय जुर्माना लेकर छोड़ा जा सकता है. इसमें बड़े और मालवाहक वाहन शामिल नहीं होंगे, जिनमें शराब की बड़ी खेप लदी है.
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2. कोई व्यक्ति किसी स्थान या परिसर या किसी स्थान पर नशे की अवस्था में मिलता है, तो उसे तत्काल गिरफ्तार कर निकट के एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जायेगा. यहां से वह जुर्माना देकर छूट सकता है.
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3. पुलिस या उत्पाद विभाग के पदाधिकारी के स्तर से रिपोर्ट के आधार पर ही संबंधित मजिस्ट्रेट कोई निर्णय ले सकेंगे. मामला गंभीर होने पर उसे जेल भी भेजा जा सकता है.
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4. जब्त की गयी शराब को अगर किसी कारण से ले जाना संभव नहीं है, तो उसे बरामदगी वाले स्थान पर ही डीएम के आदेश से नष्ट किया जा सकेगा.
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5. शराब मिलने वाले स्थान को अब जमादार या एएसआइ रैंक के अधिकारी भी सील कर सकेंगे. वर्तमान में यह अधिकार एसआइ और ऊपर के अधिकारियों को दिया गया है.