शुभम कुमार, पटना . बिहार में भले ही पिछले साल के मुताबिक इस साल संगिन अपराधों में कमी आयी है, लेकिन बाइक चोरी जैसी घटनाओं में हर साल इजाफा होते जा रहा है. इस घटना से केवल पुलिस ही नहीं आम लोगों की परेशानी भी बढ़ गयी है.
एनसीआरबी की रिकॉर्ड पर नजर डाले आंकड़े काफी चौंकाने वाले सामने आये हैं. पिछे एक साल में लगभग 18 करोड़ 51 लाख 50 हजार रुपये की 3703 बाइक चोरी हुई है.
वहीं, हर महीने एक करोड़ 50 लाख और एक दिन में पांच लाख रुपये से अधिक की बाइक चोरी हो जाती है.
एनसीआरबी रिपोर्ट पर नजर डाले तो पिछले पांच सालों में बाइक तेजी से बाइक चोरी की घटनाओं में वृद्धि हुई है. 2015 में 2300, 2016 में 2608, 2017 में 3143, 2018 में 3303, 2019 में 3650 और 2020 में सितंबर तक 3703 बाइकों की चोरी हुई है. ये सभी आंकड़े पटना के हैं.
सूत्रों के अनुसार इस साल सबसे अधिक बाइक की चोरी चार थानों में हुए हैं, जिसमें दो थाना शहर के सबसे पॉश इलाकों में हैं. इन चार थानों में कंकड़बाग, पत्रकार नगर और सिटी के दो थाने शामिल हैं.
वरीय पुलिस सूत्रों के अनुसार सिर्फ जिले में एक दर्जन से अधिक बाइक चोर के गिरोह एक्टिव है, जो मास्टर की और बाइक चलाने में एक्सपर्ट होते हैं.
गिरोह का मास्टर माइंड मास्टर की वाले होते हैं. चोरी की बाइक को लेकर ज्यादा दिन चोर अपने पास नहीं रखते या तो उसे कटवा दिया जाता है या फिर उसे दूसरे जिलों के गांव में बेच दिया जाता है.
कंकडबाग निवासी प्रोफेसर आशीष कुमार कहते हैं कि अगस्त में डेढ़ लाख की बाइक खरीदने के तीन दिन बाद ही बाइक की चोरी हो गयी.
इसके बाद इंश्योरेंस लेने में काफी भाग दौड़ करना पड़ा. पहले थाना में एफआइआर कराना. इसके पुलिस जबतक कोर्ट में कागज नहीं भेजेगी तबतक इंश्योरेंस का रुपये नहीं मिलता है.
Posted by Ashish Jha