देश में शुरू होंगे 260 से ज्यादा एजुकेशनल न्यूज चैनल, धर्मेंद्र प्रधान ने सासाराम में कहा
धर्मेन्द्र प्रधान ने नौजवान और भावी इतिहासकारों से अपील की कि भारत के इतिहास को लिखने के लिए भारतीय परंपरा और चेतना के अनुसार उदाहरण इकट्ठा करने में वे सरकार की मदद करें.
सासाराम. अपने देश की सबसे बड़ी पूंजी यहां का इतिहास और शिक्षा है. अब तक देश में इतिहास को गलत तरीके से लिखा गया. लेकिन, अब सरकार पूरी ताकत के साथ नया और सही इतिहास लिखने की ओर प्रयासरत है. इस दिशा में इतिहास अनुसंधान परिषद व अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना बहुत ही सराहनीय कार्य कर रहा है. अभी जो 75 पुस्तकें अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना ने प्रकाशित की हैं, उनका सरकार अंग्रेजी और दूसरी भाषाओं में अनुवाद करायेगी. यह भारत के समग्र इतिहास, यहां की संस्कृति और संप्रभुता पूरी दुनिया में पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा. ये बातें केंद्रीय शिक्षा, कौशल विकास सह उद्यमशीलता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहीं.
धर्मेंद्र प्रधान ने भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद व अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के तत्वावधान में गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय (जीएनएसयू) परिसर में ‘स्व, स्वतंत्रता और प्रतिरोध: अतीत से वर्तमान तक’, विषय पर आयोजित तीन दिवसीय 12वें राष्ट्रीय अधिवेशन को संबोधित करने के दौरान कही.
मंगलवार को दूसरे दिन के अधिवेशन का उद्घाटन करने के बाद शिक्षा मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार बहुत ही जल्द पूरे देश में 260 एजुकेशनल न्यूज चैनल शुरू करने जा रही है, ताकि आसानी से लोगों तक शिक्षा पहुंच सके. इसमें 200 चैनल स्कूलों और 60 चैनल हायर एजुकेशन के बच्चों के लिए होंगे. उन्होंने कहा कि प्रजातंत्र भारत के डीएनए में है. हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि देश के इतिहास व संस्कृति और यहां के रहन-सहन में उपनिवेश की जो छाप है, उसे खत्म किया जाना चाहिए. इस दिशा में सरकार अग्रसर है.
धर्मेन्द्र प्रधान ने नौजवान और भावी इतिहासकारों से अपील की कि भारत के इतिहास को लिखने के लिए भारतीय परंपरा और चेतना के अनुसार उदाहरण इकट्ठा करने में वे सरकार की मदद करें. वैज्ञानिक प्रमाण के आधार पर भारत की आदि संस्कृति एवं सभ्यता के बारे में 21वीं सदी में वैश्विक स्तर पर लोगों को अवगत कराने का कार्य करेंगे और इसमें आप सफल भी होंगे. इसके लिए शुभकामनाएं देता हूं.